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संत कृपा से ही प्रभु का दर्शन संभव : चंद्रकला

आजमगढ़ : मां शारदा स्नातकोत्तर महाविद्यालय शंभूपुर गहजी के परिसर में चल रहे हरिहरात्मक यज्ञ से सम्पूर्ण क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। भक्तगण सिद्धसंत मौनी बाबा के नवनिर्मित मंदिर एवं यज्ञमंडप की परिक्रमा कर पुण्य के भागी बन रहे है। सोमवार को काशी के शंकराचार्य अनंतश्री विभूषित जगद्गुरू स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती, रामजन्म भूमि न्यास के सचिव महंत सुरेश दास जी महाराज, रामानुज संप्रदाय के जगद्गुरू डा. राघवाचार्य महराज एवं हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास जी महाराज द्वारा मंदिर में स्थापित मौनी बाबा, रामदरबार व राधाकृष्ण की प्रतिमाओं का अनावरण कर महायज्ञ की पूर्णाहुति की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 04:46 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 11:20 PM (IST)
संत कृपा से ही प्रभु का दर्शन संभव : चंद्रकला
संत कृपा से ही प्रभु का दर्शन संभव : चंद्रकला

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मां शारदा स्नातकोत्तर महाविद्यालय शंभूपुर गहजी के परिसर में चल रहे हरिहरात्मक यज्ञ से सम्पूर्ण क्षेत्र रविवार को भक्तिमय हो गया है। भक्तगण सिद्धसंत मौनी बाबा के नवनिर्मित मंदिर एवं यज्ञमंडप की परिक्रमा कर पुण्य के भागी बन रहे है। सोमवार को काशी के शंकराचार्य अनंतश्री विभूषित जगद्गुरू स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती, रामजन्म भूमि न्यास के सचिव महंत सुरेश दास जी महाराज, रामानुज संप्रदाय के जगद्गुरू डा. राघवाचार्य महराज एवं हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास जी महाराज द्वारा मंदिर में स्थापित मौनी बाबा, रामदरबार व राधाकृष्ण की प्रतिमाओं का अनावरण कर महायज्ञ की पूर्णाहुति की जाएगी।

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महायज्ञ के छठें दिन जनपद के सिद्धसंत श्री शिवनिहवां बाबा यज्ञस्थल पर पधार कर नवनिर्मित मंदिर का दर्शन किया एवं भारी संख्या में उपस्थित भक्तजनों को दर्शन व आर्शीवाद दिया। आयोजक फौजदार ¨सह के हाथों यज्ञाचार्य पंडित रामबली पांडेय, पंडित अशोक पाठक व पंडित हरिनाथ शास्त्री सहित अन्य विद्वान ब्राह्मणों द्वारा वैदिक रीति से श्री शिवनिहवां बाबा का पूजन कराया। इस दौरान मौनी बाबा व श्री शिवनिहवां बाबा के जयकारे से समूचा क्षेत्र गूंज गया। अयोध्या की प्रसिद्ध कथावाचिका चन्द्रकला शास्त्री ने संत महिमा की चर्चा करते हुए कहाकि संतों के कृपा से ही प्रभु का दर्शन संभव है। इसी क्रम में उन्होंने मौनी बाबा को चमत्कारी सिद्धियों का स्वामी व कर्मयोगी बताते हुए कहा कि शिष्यों के दिलों में बसने वाले सिद्धसंत मौनी बाबा ने अन्न त्याग कर मौन धारण करते हुए 14 वर्षों तक गर्मी के कड़ी धूपहरी में पंचाग्नि के मध्य अवस्थित होकर एवं हाड़ कंपा देने वाली ठंड में जल में खड़े होकर घोर तपस्या की और भगवान श्रीराम से साक्षात्कार कर सिद्धि प्राप्त की। इस मौके पर बाल व्यास पंडित कौशल किशोर महराज, आयोजक फौजदार ¨सह, प्रभु नरायण पांडेय प्रेमी, सुभाष चन्द्र तिवारी कुंदन, संजय ¨सह, पूर्व चेयरमैन मुसाफिर ¨सह, दिवाकर ¨सह, राममिलन ¨सह, प्रमोद कुमार मिश्र, हरिद्वार ¨सह, हरिप्रसाद पांडे, पवन ¨सह ¨रकू, राधे राय आदि प्रमुख थे।


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