काफी दिनों से फैला है अवैध री-फिलिग का कारोबार
आजमगढ़ जनपद में अवैध रूप से गैस रीफिलिग का कारोबार काफी दिनों से चल रहा है। बिना एजेंसी व लाइसेंस के तमाम लोग गैस के कारोबार जहां जुड़े हैं वहीं भीड़ भाड़ वाली आबादी में गैस सिलेंडर का स्टोर कर मौत को दावत दे रहे हैं। शहर के मुकेरीगंज व मेंहनगर कस्बे में आग लगने के बाद प्रशासन चौकन्ना तो हुआ लेकिन तमाम लोग काल के गाल में समा चुके हैं। ऐसे में अभी पूरे जनपद में अभियान चलाया जाए तो बड़े-बड़े कारोबार बेनकाब हो जाएंगे। शहर में कई बार रिफिलिग के मामले पकड़ में आने के बाद यह लोग गांवों में अपना कारोबार शुरू कर दिए हैं। इससे जहां लाखों रुपये कमाकर मालामाल हो रहे हैं वहीं विभाग को चूना भी लगा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद में अवैध रूप से गैस रीफिलिग का कारोबार काफी दिनों से चल रहा है। बिना एजेंसी व लाइसेंस के तमाम लोग गैस के कारोबार जहां जुड़े हैं, वहीं घनी आबादी में गैस सिलेंडर को स्टोर कर मौत को दावत दे रहे हैं। शहर के मुकेरीगंज व मेंहनगर कस्बे में आग लगने के बाद प्रशासन चौकन्ना तो हुआ, लेकिन तमाम लोग काल के गाल में समा चुके हैं। ऐसे में अभी पूरे जनपद में अभियान चलाया जाए तो बड़े-बड़े कारोबार बेनकाब हो जाएंगे। शहर में कई बार री-फिलिग के मामले पकड़ में आने के बाद यह लोग गांवों में अपना कारोबार शुरू कर दिए हैं। इससे जहां लाखों रुपये कमाकर मालामाल हो रहे हैं वहीं विभाग को चूना भी लगा रहे हैं।
एक दशक पूर्व घरेलू गैस सिलेंडर से री-फिलिग का कारोबार युद्धस्तर पर चल रहा था। उस समय यहां पर तैनात तत्कालीन जिला पूर्ति निरीक्षक नरेंद्र तिवारी गुलामी का पुरा स्थित एक चहारदीवारी में छापेमारी कर भारी मात्रा में गैस सिलेंडर बरामद जहां किया था, वहीं गैस री-फिलिग मशीन भी पकड़ी गई थी। इसमें कई लोगों पर कार्रवाई भी की गई। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी छापेमारी की थी। इसके बाद शहर में गैस री-फिलिग का कारोबार लगभग ठप हो गया था। इसके बाद यहां के कारोबारी गांवों की बाजारों की ओर रुख कर दिया। हालात ये हुए कि पिछले कई सालों में रसोई गैस से छोटे गैस री-फिलिग का कारोबार चल रहा है। एक-एक अवैध कारोबारी के पास 20 से 50 तक रसोई गैस सिलेंडर रखे हुए हैं। यही नहीं विभिन्न कंपनियों के पास बुक भी इनके यहां मौजूद हैं। मेंहनगर कस्बे में किराना व्यवसायी के दुकान में लगी आग के बाद यह सच सामने आ गया कि बिना लाइसेंस कस्बे में अवैध कारोबार चल रहा था और पुलिस व विभागीय लोगों को तनिक भी भनक नहीं थी। अभी तो यह मेंहनगर बाजार की हालात है। जनपद के विभिन्न बाजारों में अगर छापेमारी की जाए तो इस तरह से तमाम अवैध कारोबारी पकड़ में आ जाएंगे। अभी तक मेंहनगर को छोड़कर अन्य जगह कहीं भी छापेमारी नहीं की जा रही है। अभी पुलिस प्रशासन व विभाग किसी और हादसे का इंतजार कर रहा है। ''अवैध कारोबारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। छापेमारी होती रही है, लेकिन फिर भी कारोबारी अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।''
-देवमणि मिश्रा, जिला पूर्ति अधिकारी।