आहुती से सुवासित हरबंशपुर का वातावरण
-धर्म-कर्म -सात दिवसीय श्रीराम कथा का भंडारे संग हुआ विधिवत समापन -भगवान श्रीराम का जीवन च
-धर्म-कर्म::::
-सात दिवसीय श्रीराम कथा का भंडारे संग हुआ विधिवत समापन
-भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र मानव मात्र के लिए आदर्श है
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: नगर के हरबंशपुर में मानव जनहित सेवा संस्थान के तत्वावधान में चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा का रविवार को विधिवत समापन हुआ। समाप्ति पर पूर्णाहुति, हवन और भंडारे का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति व भंडारे में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और तन मन और धन से सराहनीय सहयोग किया।उधर,श्रीराम कथा की रूपी गंगा में श्रद्धालुओं ने खूब गोता लगाया।
बाल व्यास पंडित कौशल किशोर महाराज ने कहाकि भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र मानव मात्र के लिए आदर्श है। समता का दिव्य दर्शन भगवान राम के जीवन चरित्र में समग्र रूप से ²ष्टि गोचर होता है। महाराज दशरथ ने जब यह घोषणा की कि राजगद्दी पर रामजी आसीन होंगे। यह सुनकर प्रभु प्रसन्न नहीं हुए और वनवास का आदेश सुनकर दुखी नहीं हुए। बल्कि माता कौशल्या से प्रभु ने बड़े सहज भाव से कहा हमारे पूज्य पिता ने हमें जंगल का राजा बना दिया। मैं भाईयों में सबसे बड़ा हूं। इसलिए मैया पिता ने विशाल जंगल का साम्राज्य मुझे और अयोध्या का राज्य भरत को दे दिया। आशय स्पष्ट है कि जिसके चरित्र विषमता में समता का दर्शन हो उसी को राम कहते हैं। सुभाष चंद्र तिवारी 'कुंदन', हरेंद्र पाठक, संजय कुमार पांडेय, डब्बू यादव, राय अनूप कुमार श्रीवास्तव, रामप्रकाश तिवारी, कैलाश नाथ चतुर्वेदी, रामकवल चौबे, विनय राय, हर्षित श्रीवास्तव, अमन आजाद, विजय मिश्रा, घनश्याम तिवारी आदि थे।