दहेज हत्या में पति को दस साल की सजा
आजमगढ़ : चार वर्ष पूर्व दर्ज कराए गए दहेज हत्या के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अदालत ने गुरु
आजमगढ़ : चार वर्ष पूर्व दर्ज कराए गए दहेज हत्या के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अदालत ने गुरुवार को हत्यारोपित पति को दस साल के कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने पंद्रह हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन संतोष कुमार तिवारी ने सुनाया।
अभियोजन कथन के अनुसार वादी मुकदमा देवराज चौहान पुत्र दशरथ चौहान निवासी चकवाली रामपुर थाना बहरियाबाद जिला गाजीपुर ने तरवां थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा में उल्लेख किया कि वह अपनी पुत्री नीलम की शादी घटना से लगभग तीन वर्ष तीन माह पूर्व जितेंद्र चौहान पुत्र रामबली चौहान ग्राम ¨सहपुर सरैया थाना तरवां जिला आजमगढ़ निवासी के साथ की थी। शादी के बाद से ही उसकी पुत्री को ससुराल में पति जितेंद्र चौहान, ससुर रामबली चौहान, सास माधुरी देवी व ननद ऊषा ने दहेज में बाइक व सोने की चेन के लिए प्रताड़ित करते थे। तीन सितंबर 2014 को लगभग तीन बजे उपरोक्त लोगों ने दहेज की मांग पूरी ना होने के कारण नीलम को जला दिए। पुलिस ने उपरोक्त प्रकरण के बाबत मुकदमा कायम कर विवेचना की और चार्जशीट कोर्ट में प्रेषित किया। एडीजीसी विनोद कुमार यादव ने वादी मुकदमा समेत कुल नौ गवाहों को अदालत में परीक्षित किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित पति जितेंद्र चौहान को दोषी मानते हुए उसे 10 साल की कारावास के साथ ही 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साक्ष्य के अभाव में नीलम के ससुर रामबली चौहान, सास माधुरी देवी व ननद उषा को दोषमुक्त घोषित कर दिया।