मंडल में 100 अध्यापकों ने नहीं कराया सत्यापन
आजमगढ : मंडल के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में तैनात लगभग 100 शिक्षक अपने डिग्री का सत्यापन ही नहीं कराएं हैं। छह साल की नौकरी पूरी करने के बाद भी इन्होंने एरियर के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया जबकि इनके साथ के नौकरी पाने वाले सारे शिक्षकों ने अपनी डिग्री का सत्यापन कराकर एरियर का लाभ ले रहे हैं। ऐसे में इनके फर्जी होने की आशंका हैं। इस तरह के शिक्षकों को विभाग चिह्नित करने में जुटा हुआ है। जल्द ही इनके खिलाफ जांच प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
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एरियर के लिए भी नहीं किया आवेदन, फर्जी होने की आशंका
छह साल से विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में कर रहे नौकरी
जागरण संवाददाता, आजमगढ : मंडल के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में तैनात लगभग 100 शिक्षक अपनी डिग्री का सत्यापन ही नहीं कराएं हैं। छह साल की नौकरी पूरी करने के बाद भी इन्होंने एरियर के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया जबकि इनके साथ के नौकरी पाने वाले सारे शिक्षक अपनी डिग्री का सत्यापन कराकर एरियर का लाभ ले रहे हैं। ऐसे में इनके फर्जी होने की आशंका हैं। इस तरह के शिक्षकों को विभाग चिह्नित करने में जुटा हुआ है। जल्द ही इनके खिलाफ जांच प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
वर्ष 2011-12 में भारी संख्या में सहायक अध्यापकों की भर्ती कराई गई थी। सभी की काउंसि¨लग के बाद मंडल के आजमगढ़, मऊ व बलिया जनपदों के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में तैनात कर दिया गया। दो साल बाद इनकी डिग्री के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रथम चक्र में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की डिग्री का सत्यापन किया गया। इसमें सभी शिक्षकों की डिग्री लगभग सही मिली लेकिन इसके बाद जिन शिक्षकों को एरियर लेना था। वह अपनी स्नातक व बीएड की डिग्री खुद सत्यापन कराकर अपना एरियर ले लिए। यह पदोन्नति की प्रक्रिया में भी है लेकिन अभी तक 100 से अधिक शिक्षकों ने अपने डिग्री का सत्यापन ही नहीं कराया। इसके अलावा न एरियर ही ले रहे हैं। इससे पूरी तरह से आशंका व्यक्त की जा रही है कि इन शिक्षकों की डिग्री फर्जी है। इसलिए यह अपने डिग्री का सत्यापन न कराकर एरियर का लाभ नहीं ले रहे हैं। इन्हें जल्द ही चिह्नित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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यह मामला सामने आ चुका हैं। संज्ञान में भी है। अभी तक रणनीति नहीं बनाई गई है। जल्द ही एडी बेसिक से विचार-विमर्श कर इस दिशा में रणनीति बनाकर इन शिक्षकों के डिग्री के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की जा जाएगी।
योगेंद्र कुमार, संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ़ मंडल।