पांच लाख से ज्यादा की आबादी में खोजे जाएंगे टीबी के मरीज
जागरण संवाददाता आजमगढ़ टीबी (तपेदिक) रोग के समूल नाश की दिशा में सरकार कदम बढ़ा च
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : टीबी (तपेदिक) रोग के समूल नाश की दिशा में सरकार कदम बढ़ा चुकी है। पांच लाख से ज्यादा की आबादी में सक्रिय क्षय रोगियों को ढूंढ़ा जाएगा। उनके मिलने पर 48 घंटे में इलाज शुरू हो जाएगा। अभियान की शुरुआत दो नवंबर से 10 दिनों के लिए जिले के 12 ब्लाकों में एक साथ शुरू होगी। मुख्यमंत्री एक नवंबर को अभियान के शुरुआत की घोषणा करेंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. परवेज अख्तर ने बताया कि टीबी मरीज के बलगम की जांच सीबीनाट मशीन से कराई जाएगी ताकि उनके अंदर ड्रग रेजिस्टेंस टीबी का पता लगाया जा सके। ड्रग रेजिस्टेंस का मतलब टीबी की दवा काम कर रही है कि नहीं। जिन्हें दवा काम नहीं करती है उन्हें मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर टीबी) कहते हैं। ऐसे रोगियों को नोडल टीआरटीबी सेंटर बीएचयू वाराणसी भेजकर उपचार कराया जाता है।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक पीयूष अग्रवाल ने बताया कि अभियान के तहत पल्हनी ब्लाक में 25,000, रानी की सराय में 25,000, मार्टीनगंज में 30,000, पवई में 30,000, तरवां में 60,000, अहिरौला में 60,000, मुबारकपुर में 50,000, सठियांव में 50,000, महाराजगंज में 50,000, हरैया में 50,000, मोहम्मदपुर में 50,000 और मिर्जापुर में 25,000 की आबादी को कवर किया जाएगा। इस तरह से 5.05 लाख जनसंख्या की स्क्रीनिग होगी जिनमें लक्षण नजर आएंगे उनकी माइस्क्रोस्कोपी जांच होगी । जांच में निगेटिव पाए गए संभावित मरीजों के चेस्ट का एक्स-रे होगा जिससे उनमें टीबी रोग का पता लगाया जा सके। टीबी का पता चलते ही प्रत्येक टीबी मरीज का 48 घंटे के अंदर उपचार शुरू कर दिया जाएगा।