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प्रदेश व मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता पाए छात्र

आजमगढ़ जनपद के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता कितनी बेहतर है यह खुलासा सोमवार को खंड शिक्षा अधिकारी ठेकमां विश्वजीत के मोहम्मदपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अषाढ़ा के निरीक्षण में उजागर हुआ। यहां पर मौजूद छात्रों ने अपने प्रदेश मुख्यमंत्री व राजधानी का भी नाम नहीं बता सके। यही नहीं कुछ को 15 तक पहाड़ा भी नहीं याद था। कुछ को छोड़कर अधिकतर बच्चे हिदी की किताब का उच्चारण नहीं पाएं। पुस्तकालय की किताबें आलमारी में बंद पाई गईं। इसे गंभीरता से लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ने यहां पर तैनात प्रधानाध्यापक प्रभाकर यादव को जहां निलंबित करने की संस्तुति बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय से कर दी वहीं सहायक अध्यापक वीरेंद्र कुमार सिंह का वेतन रोकने को पत्र भेजा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 08:06 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 08:06 PM (IST)
प्रदेश व मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता पाए छात्र
प्रदेश व मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता पाए छात्र

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता कितनी बेहतर है, इसका खुलासा सोमवार को हुआ। खंड शिक्षा अधिकारी ठेकमा विश्वजीत द्वारा मोहम्मदपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अषाढ़ा के निरीक्षण में यहां मौजूद छात्र अपने प्रदेश, मुख्यमंत्री व राजधानी का भी नाम नहीं बता सके। यही नहीं कुछ को 15 तक पहाड़ा भी नहीं याद था। कुछ को छोड़कर अधिकतर बच्चे हिदी की किताब का उच्चारण नहीं पाए। पुस्तकालय की किताबें आलमारी में बंद पाई गईं। इसे गंभीरता से लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ने यहां पर तैनात प्रधानाध्यापक प्रभाकर यादव को जहां निलंबित करने की संस्तुति बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय से कर दी, वहीं सहायक अध्यापक वीरेंद्र कुमार सिंह का वेतन रोकने को पत्र भेजा।

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खंड शिक्षा अधिकारी सोमवार को दोपहर 1.10 बजे प्राथमिक विद्यालय अषाढ़ा पहुंचे। इस दौरान प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित थे। यह दोनों पूर्व के कार्य दिवस 18 अक्टूबर को भी अनुपस्थित थे। यहां उपस्थिति पंजिका पर न छात्रों का अंकन था और न ही अध्यापकों का। यहां पर कक्षा एक में नामांकित छात्र संख्या तेरह के सापेक्ष पांच, कक्षा दो में 25 के सापेक्ष पांच, कक्षा तीन में 14 के सापेक्ष नौ, कक्षा चार में नौ के सापेक्ष एक छात्र और कक्षा पांच में सात बच्चों के सापेक्ष मात्र एक छात्र उपस्थित था। विद्यालय पर केवल दो रसोइयां और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थीं।


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