पराली जलाने पर नियंत्रण को कलस्टर में बांटी गई पंचायतें
आजमगढ़ फसल अवशेष (पराली ) जलाए जाने पर प्रभावी प्रतिबंध के लिए विकास खंडों के ग्राम पंचायतों को क्लस्टर में विभक्त किया गया है। इसकी मानीटरिग करने के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : फसल अवशेष (पराली) जलाए जाने पर प्रभावी प्रतिबंध के लिए विकास खंडों के ग्राम पंचायतों को कलस्टर में विभक्त किया गया है। साथ ही मानीटरिग करने के लिए नोडल अधिकारी भी नामित किए गए हैं।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गुरु प्रसाद गुप्ता ने बताया कि नामित किए किए नोडल अधिकारी प्रतिदिन आवंटित कलस्टर के कम से कम पांच गांव में भ्रमण कर फसल के अपशिष्टों (पराली) की जानकारी लेंगे। पराली जलाते हुए पाए जाने पर अपनी आख्या रिपोर्ट उप कृषि निदेशक कार्यालय के द्वारा उपलब्ध कराये गए वाट्सएप नंबर पर उपलब्ध कराएंगे। साथ ही विकास खंड स्तर पर नोडल अधिकारी को भी आख्या व रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे। नामित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि अपने आवंटित कलस्टर के ग्राम पंचायतों में पराली व कृषि अपशिष्ट के जलाए जाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए प्रत्येक दिन निरीक्षण व सत्यापन आख्या अपने संबंधित स्तर पर उपलब्ध कराते हुए वाट्सएप नंबर पर फोटोग्राफ्स सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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ब्लाकवार वाट्सएप नंबर जारी
मेंहनगर, तरवां, रानी की सराय, पल्हना, मुहम्मदपुर, मिर्जापुर एवं तहबरपुर के लिए व्हाट्सएप नंबर 9415202288, अजमतगढ़, हरैया, महराजगंज, बिलरियागंज, अतरौलिया, कोयलसा, अहरौला व जहानागंज के लिए वाट्सएप नंबर 9792775810 और लालगंज, ठेकमा, मार्टीनगंज, पवई, फूलपुर, सठियांव, पल्हनी के लिए वाट्सएप नंबर 9415622521 निर्धारित किया गया है।
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अर्थदंड व एफआइआर
पराली जलाए जाने की घटना पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ अर्थदंड के साथ आइपीसी के धारा 188, 291, 278, 268, 269 के अंतर्गत एफआइआर की कार्रवाई की जाएगी।