सख्ती बेअसर, दीदारगंज में जला दी पराली
जागरण संवाददाता दीदारगंज (आजमगढ़) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एजीटी) द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के क्रम में जिन किसानों द्वारा फसल अवशेष को जलाया जा रहा है उन्हें चिह्नित कर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्राविधान किया गया है लेकिन कतिपय किसानों में इस आदेश को लेकर कोई खौफ नहीं दिख रहा है।
फोटो-22--जागरण संवाददाता, दीदारगंज (आजमगढ़) : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के क्रम में जिन किसानों द्वारा फसल अवशेष को जलाया जा रहा है, उन्हें चिह्नित कर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्राविधान किया गया है लेकिन कतिपय किसानों में इस आदेश को लेकर कोई खौफ नहीं दिख रहा है। भले ही पराली जलाने की घटना में कमी आई हो लेकिन पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। मानीटरिग तहसील क्षेत्र की स्थिति यह है सूचना देने के बाद भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा।
मार्टीनगंज तहसील क्षेत्र के दीदारगंज से सटे खरसहन खुर्द गांव में बुधवार को खेत में पराली जलाए जाने की जानकारी के बाद एसडीएम धीरज श्रीवास्तव से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी पता करके बताते हैं लेकिन पुन: संपर्क करने पर फोन ही नहीं उठा। उधर थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार सिंह से जब पूछा गया तो उनका जवाब था कि तहसील की ओर से कोई सूचना आने पर ही कुछ बता पाएंगे। बता दें कि हार्वेस्टर द्वारा काटी गई धान की फसल का अवशेष जलाने को लेकर शासन काफी गंभीर है लेकिन स्थानीय स्तर पर इस दिशा में गंभीरता नहीं दिख रही है। अभी हाल ही में जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देश पर पराली जलाने वाले चार ऐसे किसान चिह्नित किए गए जिनके खिलाफ अर्थदंड की कार्रवाई की जा रही है। उधर, शासन द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट इमेज द्वारा मानीटरिग भी की जा रही है।