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    सपा विधायक रमाकांत यादव को क्यों सुनाई गई एक साल जेल की सजा? चार आरोपी तो हो गए दोष मुक्त

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 08:37 PM (IST)

    आजमगढ़ की एक अदालत ने सपा विधायक रमाकांत यादव को सरकारी काम में बाधा डालने और चक्का जाम करने के आरोप में एक साल की जेल और जुर्माना लगाया है। यह मामला 2016 का है, जब रमाकांत यादव ने अपने समर्थकों के साथ एक आरोपी को छुड़ाने के लिए पुलिस चौकी पर प्रदर्शन किया था। अदालत ने सबूतों के अभाव में चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।

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    जागरण संवाददाता, आजमगढ़। सरकारी काम में बाधा डालने और चक्का जाम करने के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद एमपी एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज अनुपम त्रिपाठी ने विधानसभा फूलपुर-पवई के सपा विधायक रमाकांत यादव को एक वर्ष के कारावास और 2700 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में चार आरोपितों को दोष मुक्त कर दिया।

    अभियोजन पक्ष के अनुसार तीन फरवरी 2016 को फूलपुर कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ब्लाक प्रमुख चुनाव के मद्देनजर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। चेकिंग के दौरान अंबारी चौक पर जयप्रकाश यादव उर्फ मंशा यादव के वाहन से लगभग दो लाख रुपये बरामद किए गए थे।

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    जयप्रकाश के पकड़े जाने की सूचना पर रमाकांत यादव अपने दो-ढाई सौ समर्थकों के साथ अंबारी पुलिस चौकी पहुंच गए और उन्हें छुड़ाने का दबाव बनाने लगे। रमाकांत यादव ने अपने समर्थकों के साथ चक्का जाम कर दिया। जिससे चौक पर अफरातफरी मच गई और लोक शांति भंग हुई।

    इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद रमाकांत यादव, चंद्रभान, मन्ना उर्फ शेष नारायन, रंगेश यादव और रजनीश के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक अभियोजन अधिकारी विपिन चंद्र भास्कर ने कुल 15 गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया।

    दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने दोषी रमाकांत यादव को एक वर्ष के कारावास और 2700 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में आरोपित रंगीश यादव, मन्ना उर्फ शेषनारायण, रजनीश और चंद्रभान को दोषमुक्त कर दिया।