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एक करोड़ खर्च कर जेल में लगेगा सोलर पैनल

जेल के अंदर से मोबाइल का संचालन करने वाले बदमाशों के लिए बुरी खबर है। जेलों में बिजली कटने के बाद निरुद्ध बदमाश जैमर बंद होने का लाभ उठा कर मोबाइल से संपर्क साधते थे, पर शासन ने इसे ध्यान में रखते हुए आजमगढ़ जिला कारागार में पावर बैकअप का सोलर पैनल लगाने के लिए 1 करोड़ की धनराशि अवमुक्त करा दिया है। सोलर पैनल लगने से जेल की बिजली संकट से भी काफी हद तक निजात मिल सकेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 11:57 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:57 PM (IST)
एक करोड़ खर्च कर जेल में लगेगा सोलर पैनल
एक करोड़ खर्च कर जेल में लगेगा सोलर पैनल

मनोज जायसवाल, आजमगढ़

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जेल प्रशासन को चकमा देकर जेल के अंदर से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले बदमाशों की हरकतों पर अब लगाम लग जाएगा। बिजली कटने के बाद जेलों में निरुद्ध बदमाश जैमर बंद होने का लाभ उठाकर मोबाइल फोन के जरिये बाहरी दुनिया से संपर्क बनाकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते थे, पर अब ऐसा नहीं हो सकेगा। इस समस्या पर अब शासन ने सुधि ली है और आजमगढ़ जिला कारागार में पावर बैकअप का सोलर पैनल लगाने के लिए एक करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दिया है। सोलर पैनल लग जाने से जेल में बिजली संकट से भी काफी हद तक निजात मिल सकेगी।

प्रदेश के अतिसंवेदनशील जेलों में आजमगढ़ का इटौरा जेल भी शामिल है। इटौरा में बने नए आधुनिक जेल में बंदियों के मोबाइल फोन के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए शासन स्तर से एक वर्ष पूर्व 16 जैमर लगाए गए हैं। करोड़ों की लागत से जेल में लगे सभी जैमर बिजली से ही संचालित होते हैं। जेल की बिजली सप्लाई जहानागंज के ग्रामीण फीडर से जुड़ा हुआ है। इससे दिन में अक्सर यहां बिजली गायब रहती है, वहीं रात को भी कुछ देर के लिए बत्ती गुल हो जाती है। जेल अधिकारियों का कहना है कि कुल मिलाकर 24 घंटे में मुश्किल से 10 से 12 घंटे ही जेल को बिजली मिल रही है। जेल की बिजली को शहरी फीडर से जोड़ने के लिए वे जिला प्रशासन से लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुके हैं पर आज तक उस पर अमल नहीं किया गया। बिजली व्यवस्था बाधित होते ही जेल में लगे सभी जैमर बंद हो जाते हैं। कहने के लिए जेल के पांच वॉच टावर के साथ ही जेल के मुख्य गेट के बाहर व अंदर लगे जैमर को चालू रखने के लिए छोटी-छोटी बैटरियों से जोड़ा गया है। कई घंटे तक बिजली गुल रहने से बैटरी महज आधा घंटा ही बैकअप दे पाती है। इसके बाद बैट्री से जुड़े जैमर भी बंद हो जाते हैं। यही नहीं, बिजली आपूर्ति बाधित होते ही जेल में लगीं लाइटें भी बंद हो जाती हैं। जेनरेटर के माध्यम से किसी तरह से बिजली व्यवस्था को चालू रखा जाता है। जेनरेटर भी तेल के अभाव में बंद हो जाता है। इससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी जेल के अधिकारी हलकान रहते हैं। पूर्व में जेल डीआइजी गोरखपुर यादुवेश शुक्ल जब जेल के विजिट पर आए थे तो तत्कालीन जेल अधीक्षक ने उन्हें बिजली की समस्या से अवगत कराया था। जेल डीआइजी ने आजमगढ़ जेल में पावर बैकअप का सोलर पैनल लगाने के लिए लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व शासन को पत्र लिखा था। जेल डीआइजी का लिखा हुआ पत्र शासन स्तर पर लंबित पड़ा हुआ था। योगी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने आजमगढ़ समेत प्रदेश के अतिसंवेदनशील सभी 17 जिलों के जेलों में पावर बैकअप का सोलर पैनल लगाने के लिए एकमुश्त धनराशि अवमुक्त कर दी है। ''जेल में सोलर पैनल लगाने के लिए शासन स्तर से एक करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। बहुत जल्द ही सोलर पैनल लगाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा। सोलर पैनल लगने के बाद जेल की बिजली समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। बिजली समस्या दूर होने से जैमर पूरी तरह से काम करना शुरू कर देंगे और जेल को बिजली भी मिलनी शुरू हो जाएगी।''

-हरीश कुमार, जेलर, आजमगढ़।


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