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निकले छह सचल दस्ते, नहीं मिली कामयाबी

आजमगढ़ उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर गुरुवार को सायंकालीन परीक्षा में छह सचल दस्तों ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया लेकिन कोई भी परीक्षार्थी अनुचित साधनों का प्रयोग करते नहीं पाया गया। सुबह की पाली में इंटरमीडिएट कम्प्यूटर की परीक्षा में 91 परीक्षार्थियों में 14 अनुपस्थित रहे जबकि 14 परीक्षार्थी अनुपस्थित थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:16 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 11:40 PM (IST)
निकले छह सचल दस्ते, नहीं मिली कामयाबी
निकले छह सचल दस्ते, नहीं मिली कामयाबी

आजमगढ़ : उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर गुरुवार को सायंकालीन परीक्षा में छह सचल दस्तों ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया लेकिन कोई भी परीक्षार्थी अनुचित साधनों का प्रयोग करते नहीं पाया गया। सुबह की पाली में इंटरमीडिएट कंप्यूटर की परीक्षा में 91 परीक्षार्थियों में 14 अनुपस्थित रहे, जबकि 14 परीक्षार्थी अनुपस्थित थे।

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शाम की पाली में इंटरमीडिएट नागरिक शास्त्र की परीक्षा 237 केंद्रों पर हुई। शाम की पाली में जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा के सचल दस्ते सहित सभी ने सभी परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की। इससे अफरातफरी की स्थिति जरूर रही, लेकिन कहीं भी कोई परीक्षार्थी अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए नहीं पाया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि सुबह की पाली में कंप्यूटर की परीक्षा थी। उन्होंने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया, लेकिन कहीं भी कोई अनियमितता देखने को नहीं मिली। कुल मिलाकर परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से चल रही है। शासन के कड़े रवैये की वजह से परीक्षार्थी खुद सतर्क होकर परीक्षा जहां दे रहे हैं वहीं केंद्र व्यवस्थापक भी चाबुक लगाए हुए हैं। --------------

43 विद्यालयों ने नहीं उपलब्ध कराई सूचना

जासं, आजमगढ़ : जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जनपद के 97 शासकीय व 22 राजकीय विद्यालयों से निर्वाचन में ड्यूटी लगाने के लिए 22 फरवरी तक कर्मचारियों की सूची मांगी गई थी लेकिन अभी तक 43 विद्यालयों ने अपनी सूची उपलब्ध नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि सामान्य निर्वाचन शासन की प्राथमिकताओं वाला कार्यक्रम है। इसके बावजूद अभी तक 43 विद्यालयों ने सूची नहीं भेजी है। अगर यह शुक्रवार तक सूची उपलब्ध नहीं कराते हैं तो इन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का वेतन रोक दिया जाएगा।


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