गरीबों की सेवा को बना लिया मिशन
गरीबों की सेवा को बना लिया मिशन
आजमगढ़ : 'कोशिश करने वालों की हार नहीं होती' इन्हीं शब्दों को जीवन का मूलमंत्र बनाकर समाज सेवा की ओर चल पड़े हैं डा. इमरान अहमद। पिछले 14 वर्ष से बस एक ही ध्येय कि हर कोई स्वस्थ और खुशहाल रहे। इसी के सहारे उन्होंने अपने 42 साल आम लोगों की सेवा में बिता दिए। वह अपने क्लीनिक पर नि:स्वार्थ भाव से गरीबों की सेवा में जुटे रहते हैं। कहते हैं गरीबों की सेवा भगवान की सेवा समान है। निस्वार्थ सेवा के चलते वह गरीबों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है।
डा. इमरान अहमद की क्लीनिक फरिहां चौक पर है। डा. इमरान के बारे में एक बात काफी पहले से प्रचलित है कि अगर भोजन करते समय भी मरीज आ जाए तो वह भोजन छोड़कर पहले मरीज देखते हैं। यही कारण है कि कई-कई गांव से गरीब अपनी पीड़ा लेकर आते हैं और लौटते समय उन्हें डा. अहमद की जादू की झप्पी मिल जाती है। बेहद सरल और विनम्र स्वभाव के डा. अहमद कहते हैं कि हमने अपने पिता डा. स्व. नवी जान से समाज सेवा सीखी है। उन्हीं के आदर्श पर चल पड़ा हूं। आज स्वास्थ्य के बारे में लोगों की संजीदगी कम हो रही है। उन्हें स्वस्थ रहने की कोई ¨चता भी नहीं रहती है। हमारा उद्देश्य है कि हर आदमी स्वस्थ और खुशहाल रहे। वह कहते हैं कि जब तक जान है गरीबों व आम लोगों की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि क्लीनिक के माध्यम से लोगों को योग की महत्ता बताने के साथ ही उन्हें प्रेरित करता हूं। शरीर को निरोगी रखने के लिए हर हाल में योग करना चाहिए।