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सरयू लगीं घटने, फिर भी दुश्वारियां

संकट -कृषि भूमि के साथ आबादी की जमीन भी धारा में हो रही विलीन -कटान से किसानों क

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 07:37 PM (IST)
सरयू लगीं घटने, फिर भी दुश्वारियां
सरयू लगीं घटने, फिर भी दुश्वारियां

संकट ::::::

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-कृषि भूमि के साथ आबादी की जमीन भी धारा में हो रही विलीन

-कटान से किसानों को नहीं मिल रही है निजात

-गांगेपुर रिग बांध को बचाने में जुटा बाढ़ खंड विभाग

जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़): सरयू (घाघरा) नदी का जलस्तर एक बार फिर घट रहा है, लेकिन संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। नदी के घटते जलस्तर के साथ ही देवारा के लोगों की दुश्वारियां बढ़ने लगी हैं।कृषि भूमि के साथ आबादी की जमीन भी धारा में विलीन हो रही है।

गांव से पानी उतरने के बाद संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है, लेकिन प्रशासन द्वारा स्थापित 10 बाढ़ चौकियां पूरी तरह से निष्क्रिय हैं। किसी भी बाढ़ चौकी पर न तो राजस्व विभाग और न ही स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी दिखाई पड़ रहा है।

सोमवार को डिघिया नाले पर जलस्तर 70.78 मीटर, जबकि मंगलवार को नौ सेंटीमीटर घटकर 70.69 मीटर पर पहुंच गया। बदरहुआ नाले पर सोमवार को नदी 71.39 मीटर पर बह रही थी, जो घटकर मंगलवार को 71.30 मीटर पर पहुंच गई। जलस्तर में कभी उतार तो कभी चढ़ाव से ग्रामीणों की परेशानियां कम होती नहीं दिखाई पड़ रही हैं।

महुला-गढ़वल बांध के उत्तरी हिस्से में स्थित साधु का पुरवा, झगरहवा और बगरहवा में कृषि भूमि के साथ आबादी की भूमि भी धारा में समा रही है। बगरहवा गांव में पांच घर कटकर नदी में समाहित हो चुके हैं। साधु का पूरा के 50 घर, झगरहवा के 40 घर और बगरहवा के भी इतने ही घरों तक नदी की धारा पहुंच गई है।जो स्थिति है उससे तटवर्ती लोगों की नींद गायब हो गई है।

पानी का जलस्तर घटने के बाद भी गांगेपुर परसिया में कृषि योग्य भूमि लगातार कटकर नदी में विलीन हो रही है। गांगेपुर, परसिया में रिग बांध का अस्तित्व ही खतरे में आता जा रहा है। हालांकि, बांध को बचाने के लिए बोरियों में मिट्टी और बालू भरकर डाला जा रहा है, उसका कोई लाभ नहीं दिख रहा है। कहीं फसल तो कहीं आबादी की भूमि कटते देख ग्रामीण परेशान हैं।कोई सुनने को तैयार नहीं है।


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