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भारत-चीन युद्ध के अमर शहीद भगवती की शहादत को सलाम

आजमगढ़ 1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर शहीद भगवती प्रसाद के शहादत दिवस के अवसर पर गुरुवार को मदियापार में शहीद मेला एवं मूर्ति अनावरण समारोह का आयोजन किया गया। शहीद उपवन में स्थापित शहीद प्रतिमा का अनावरण वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान भाजपा जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह एवं शहीद परिवार ने क्षेत्रवासियों की उपस्थिति में किया। अमर शहीद भगवती प्रसाद सिंह की पत्नी ललिता देवी उनकी पुत्री सुदामा देवी और उनके परिजन को शाल देकर सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 06:55 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:55 PM (IST)
भारत-चीन युद्ध के अमर शहीद भगवती की शहादत को सलाम
भारत-चीन युद्ध के अमर शहीद भगवती की शहादत को सलाम

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : 1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर शहीद भगवती प्रसाद के शहादत दिवस के अवसर पर गुरुवार को मदियापार में शहीद मेला एवं मूर्ति अनावरण समारोह का आयोजन किया गया। शहीद उपवन में स्थापित शहीद प्रतिमा का अनावरण वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह, जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह एवं शहीद परिवार ने क्षेत्रवासियों की उपस्थिति में किया। अमर शहीद भगवती प्रसाद सिंह की पत्नी ललिता देवी, उनकी पुत्री सुदामा देवी और उनके परिजन को शाल देकर सम्मानित किया गया।

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कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि हमारा देश तभी सुरक्षित रहेगा, जब पर्यावरण संरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि पहले के बुजुर्गो में वैज्ञानिक सोच रहती थी। वे पेड़-पौधों की रक्षा करते थे और पेड़ों को काटने से मना भी करते थे। हम सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए ताकि प्रदूषण को दूर किया जा सके। जिलाधिकारी ने शहीद प्रतिमा व शहीद उपवन में पौधरोपण किया। बताया कि अमर शहीद भगवती प्रसाद सिंह का जन्म पांच मई 1937 को हुआ था और भारत-चीन युद्ध 1962 के दौरान 21 नवंबर 1962 को वीरगति को प्राप्त हो गए। कहा कि अमर शहीद भगवती सिंह ने भारत-चीन युद्ध 1962 में अपने प्राणों को न्यौछावर किया था, उनको मैं नमन करता हूं। हमारी आने वाली युवा पीढ़ी महापुरुषों को स्मरण रखे। कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो हमारे सैनिक देश की सीमाओं पर रक्षा करते हैं और यदि उनके परिवार में कोई समस्या आती है तो हम सभी लोगों को मिलकर उनका सहयोग करना चाहिए। डीएफओ को निर्देश दिया कि शहीद उपवन का डीपीआर बनाकर जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं, जिसको वन मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके। संचालन राष्ट्रीय कवि गजेंद्र सोलंकी ने किया। इस अवसर पर व्यवस्थापक व संयोजक डा. राजेंद्र प्रसाद सिंह, डीएफओ अयोध्या प्रसाद थे।


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