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सूचना का अधिकार का अधिनियम एक क्रांतिकारी अधिनियम

आजमगढ़ : राज्य सूचना आयुक्त पारसनाथ गुप्ता की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सू

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 11:26 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 11:26 PM (IST)
सूचना का अधिकार का अधिनियम एक क्रांतिकारी अधिनियम
सूचना का अधिकार का अधिनियम एक क्रांतिकारी अधिनियम

आजमगढ़ : राज्य सूचना आयुक्त पारसनाथ गुप्ता की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सूचना के अधिकार के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि ग्राम पंचायत अधिकारी का हस्तांतरण एक जगह से दूसरी जगह होने पर दूसरे कर्मी (प्रतिस्थानी) को 10 दिन के अंदर चार्ज उपलब्ध करा देना चाहिए। उन्होंने सूचना के अधिकार के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि सूचना का अधिकार का अधिनियम एक क्रांतिकारी अधिनियम है। इस अधिनियम के द्वारा कोई भी व्यक्ति किसी भी विभाग से सूचनाएं मांग सकता है।

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उन्होंने जन सूचना अधिकारियों को बताया कि आवेदन प्राप्ति के 30 दिन के अंदर सूचना का निस्तारण कर देना चाहिए। यदि कोई सूचना उसके विभाग से संबंधित न हो तो उसे संबंधित विभाग को पांच दिन के अंदर आवेदन स्थानांतरित कर देना चाहिए। बताया कि कोई भी आवेदक सूचना के अधिकार के तहत जन सूचना अधिकारी से सूचना प्राप्त नहीं होती है तो वह प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील कर सकता है। प्रथम अपीलीय अधिकारी को भी अपील प्राप्ति के 30 दिन के अंदर सूचना का निस्तारण कर देना चाहिए। यदि आवेदक को प्रथम अपीलीय अधिकारी से समस्या का निस्तारण नहीं होता है तो वह द्वितीय अपीलीय अधिकारी को अपील कर सकता है। उन्होंने प्रथम व द्वितीय अपीलीय अधिकारी से कहा कि अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों को निर्वहन पूरी ईमानदारी से करें और जो सूचना उपलब्ध है उसकी ही सूचना दें। भविष्य से संबंधित सूचनाएं देने की आवश्यकता नहीं है। पृष्ठों की गणना करके निर्धारित शुल्क भी प्राप्त करें। इस अवसर पर जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी, मुख्य राजस्व अधिकारी आलोक कुमार वर्मा, जिला विकास अधिकारी रविशंकर राय, डीपीआरओ आनंद प्रकाश श्रीवास्तव एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी सहित समस्त ग्राम पंचायत अधिकारी उपस्थित थे। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना उद्देश्य : पारसनाथ गुप्ता

राज्य सूचना आयुक्त पारस नाथ गुप्ता ने कहा कि सूचना के अधिकार का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना और शासकीय कार्याें में पारदर्शिता लागू करना है। समस्त जन सूचना अधिकारियों से कहा कि सूचना के अधिकार के संबंध में आवेदन पत्र प्राप्त होने पर उसके निस्तारण करने के लिए एक रजिस्टर भी तैयार कर लें जिसके ब्योरा उसमें दर्ज हो।


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