पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे की जमीन पर कृषि कार्य प्रतिबंधित
आजमगढ़ : जनपद में पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत संरक्षण में आने वाली यूपीडा की भूमि
आजमगढ़ : जनपद में पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत संरक्षण में आने वाली यूपीडा की भूमि पर कृषि कार्य न करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बारिश बाद निर्माण कार्य शुरू होने वाला है, इसलिए प्रशासन किसानों से क्रय की गई जमीन को अभी से सुरक्षित करने में लग गया है। संबंधित किसानों को निर्देशित किया गया है कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे खेती सहित अन्य कार्य किया गया पाया गया तो विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जनपद की कुल चार तहसीलों के 110 गांवों से होते हुए कुल 920 हेक्टेयर जमीन में 84 किमी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना है। इसके लिए लगभग 18 हजार किसानों से 989 हेक्टेयर जमीन समझौते के आधार पर यूपीडा द्वारा क्रय करना है जिसके सापेक्ष 819 हेक्टेयर जमीन क्रय कर ली गई है। 13 हजार 186 किसानों की भूमि का मुआवजा दिया जा चुका है। ग्राम सभा व अन्य सरकारी जमीनें भी संरक्षित कर ली गई हैं। शेष अन्य किसानों से समझौते के आधार पर जमीन क्रय की जा रही है। जिले में तहसील फूलपुर के खंडौरा गांव से होते हुए तहसील निजामाबाद, तहसील सगड़ी और तहसील सदर के संबंधित गांवों से होते हुए मऊ सीमा पर असोना गांव तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाना है। तहसील फूलपुर के 32 गांवों में लगभग 250 हेक्टेयर, तहसील निजामाबाद के 22 गांव की लगभग 191 हेक्टेयर, तहसील सगड़ी के 15 गांवों की लगभग 102 हेक्टेयर और तहसील सदर के 41 गांवों की लगभग 336 हेक्टेयर भूमि से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे गुजरेगी। ''बारिश के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की पूरी संभावना है। निर्माण के लिए समझौते के आधार किसानों से जमीन क्रय कर ली गई है। ऐसे में जमीन यूपीडा की हो गई है। संबंधित किसान अब उसमें कृषि कार्य नहीं कर सकते हैं। यदि उनके द्वारा खेती व अन्य प्रकार से क्रय की गई जमीन में कोई भी कार्य किया गया है तो वे उसे हटा लें क्योंकि यह अवैध है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण में किसी प्रकार की बाधा न आए इसको देखते हुए यह निर्देश जारी किया गया है।
-आलोक कुमार वर्मा, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, आजमगढ़।