62 लाख पौधों की सुरक्षा व्यवस्था कठघरे में
आजमगढ़ पौधारोपण अभियान में बढ़-चढ़ कर पौधा लगाते फोटो खिचवाने वाले अधिकारी संस्था पदाधिकारी शिक्षक और ग्राम प्रधान समेत तमाम जिम्मेदार उनकी सुरक्षा का पहला सबक ही भूल गए। पौधों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया लिहाजा दूसरे दिन से ही इनमें तमाम पौधे देखरेख की अभाव में सूखने लगे हैं। बेपरवाही का आलम देखिए कि जिले में 62 लाख पौधे लगाकर अधिकारी लक्ष्य से आगे निकल गए लेकिन किसी ने इन पौधों की सुधि नहीं ली है।
जासं, आजमगढ़ : अभियान के तहत जिले में 62 लाख पौधारोपण हुआ कितु पौधों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं दिख रहे हैं। पौधारोपण के चौथे दिन ही तमाम पौधे मुरझाने व सूखने लगे हैं।
भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ पर जिले में 62 लाख 45 हजार पौधारोपण करने का लक्ष्य प्राप्ति पूरा करने को दावा किया गया। पौधारोपण हो चुका है लेकिन तमाम ग्राम पंचायतों में सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं वन विभाग ने भी जहां-जहां पौधे रोपे हैं, उन पौधों की सुरक्षा का मुकम्मल व्यवस्था नहीं दिख रहा है। तमसा किनारे मोहटी घाट, राजघाट, नरौली रोड, सिधारी रोड, मतौलीपुर में गांधी उपवन व अन्य ग्राम पंचायतों में भी पौधे रोपे गए है। पौधरोपण के चौथे दिन ही पौधे ही हालत ठीक नहीं है। आलम यही रहा तो ढूंढे दस फीसद भी पौधे नहीं मिलेंगे।
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वर्जन:::
ग्राम पंचायतों में ट्री गार्जियन तैनात किए गए हैं। जिम्मेदारी सौंपी गई है वह पौधों की निगरानी गंभीरता से करें। साथ ही आमजन मानस से भी अनुरोध किया गया है कि वह प्रशासन के इस महाभियान में अपनी जिम्मेदारी निभाए ताकि आने वाली पीढ़ी को भी शुद्ध आक्सीजन, पानी व स्वच्छ वातावरण मिल सके। - अयोध्या प्रसाद, डीएफओ आजमगढ़।