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सरोवरों में हजारों ने लगाई डुबकी, तुलसी विवाह को आंगन में सजे मंडप

आजमगढ़ प्रबोधिनी एकादशी पर शुक्रवार को जिले भर में लाल गन्ने की धूम रही। इसकी सुबह से ही लोग खरीददारी करते देखे गए। इसके अलावा कहीं हरि विष्णु के साथ तुलसी का विवाह तो कहीं दीपावली मनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 07:52 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 12:17 AM (IST)
सरोवरों में हजारों ने लगाई डुबकी, तुलसी विवाह को आंगन में सजे मंडप
सरोवरों में हजारों ने लगाई डुबकी, तुलसी विवाह को आंगन में सजे मंडप

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : प्रबोधिनी एकादशी पर हजारों ने सरोवरों में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना की। वहीं शाम को घरों के आंगन में महिलाओं ने मंडप बनाकर तुलसी विवाह की रस्म पूरी की। इस दौरान मंदिरों व घाटों को भी सजाया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह रहा। रंगोली सजाकर भगवान विष्णु के चरणों में गन्ना, सिघाड़ा तथा अन्य पूजन सामग्री अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर पूजन किया।

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एकादशी को लेकर सुबह लोगों ने लाल गन्ने की खरीदारी की। श्रीहरि विष्णु के साथ तुलसी का विवाह के लिए लोगों ने गन्ने के सहारे आंगन में मंडप भी बनाया था। पूजा पाठ के बाद इस गन्ने को प्रसाद के तौर पर लोग ग्रहण किए। लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान रहकर पटाखे की अनुगूंज भी सुनाई देती रही। एकादशी को ही गन्ने और नए गुड़ के नेवान की भी परंपरा है। इसे लेकर बाजार में लाल गन्ना, गंजी, सिघाड़ा सहित अन्य फलों की बिक्री होती रही। गुरुवार की शाम से ही चौक, पहाड़पुर, बड़ादेव, मातबरगंज सहित अन्य बाजारों में गन्ने के स्टाल लगाए गए थे। गन्ने में साफ महंगाई दिख रही थी। कहीं गन्ने 40 रुपये जोड़े तो कहीं साठ रुपये में बिक रहे थे। कार्तिक मास में माहभर लोग नदी, सरोवर में स्नान के बाद तुलसी की पूजा की जाती है।

फूलपुर संवाददाता के अनुसार बाबा परमहंस सेवा समिति व मां गायत्री देवी ट्रस्ट के तत्वावधान में शुक्रवार को नागा बाबा सरोवर पर दीपमहोत्सव व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में लगभग 100 ग्रुप छात्राओं ने भाग लिया। जिसमें सेवई, सूजी, अनाज व रंग-बिरंगे वस्तुओं का उपयोग किया गया। छात्राओं ने अपनी-अपनी कलाकृतियों को आकर्षक बनाने का भरपूर प्रयास किया। बेटी बचाओ, पर्यावरण, कृष्ण राधा व आलेखन आदि दर्शाया गया। निर्णायक मंडल ने प्रथम पुरस्कार प्रीति चौहान, प्रतिभा चौहान, कुजियारी संजरपुर, द्वितीय पुरस्कार शिबू मौर्या, महक मौर्या, शाहजेरपुर व फूलपुर तृतीय पुरस्कार शिवांगी व ऋचा के साथ 43 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। इसके बाद नागा बाबा सरोवर पर पूरा मंडप बनाकर पंडित कृष्ण कुमार पांडेय द्वारा वैदिक मंत्रों से श्री हरि विष्णु स्वरूप (शालिग्राम) संग माता तुलसी का विवाह कराया गया। इसके बाद सैकड़ों दीपों से पूरा नागा बाबा सरोवर जगमगा उठा। इस अवसर पर आयोजक मंडल के आर्यन गुप्ता व सौरभ बरनवाल उपस्थित थे। कृष्ण ने आतंक व असुरक्षा को किया समाप्त

आजमगढ़ : देवोत्थान प्रबोधिनी एकादशी के आयोजन अवसर पर चांदपुर में स्वामी किशनदास द्वारा रचित धार्मिक ग्रंथ कृष्ण चरित्र सागर के पीठ की पूर्णाहुति के बाद मुख्य अतिथि प्रो. प्रभुनाथ सिंह मंयक ने कहा कि क्रांतिवीर, कर्मयोगी कृष्ण ने आतंक, भय, असुरक्षा प्रशांति, प्रहंता और भोगलिप्सा का अंत करके लोकतांत्रिक जीवन मूल्यों की प्रतिष्ठा, धर्म की स्थापना व्यवस्था परिवर्तन किया। शांत वातावरण की बहाली के साथ ही विश्व जीवन को कौशल के साथ संचालित करने के लिए गीता का कालजयी, सार्वजनिक मंगलकरी महान संदेश दिया। स्वामी किशनदास आधुनिक वेदव्यास है। सुभाष तिवारी कुंदन ने कहा कि कृष्ण चरित्र सागर में भारतीय संस्कृति और कर्मयोग का अद्भुत समाहार है। स्वामी किशनदास ने कृष्णचरित्र सागर का सारांश प्रस्तुत किया। इस अवसर पर गिरीश सेठ, दयाशंकर यादव, ओमप्रकाश प्रकाश यादव, मिथिलेश पांडेय, अक्षयवर मौर्य, श्री यादव, रामानंद यादव, आदि मौजूद थे।


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