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तेजी से बढ़ रही मधुमेह रोगियों की तादाद

आजमगढ़ : जनपद में डायबिटीज के रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। बड़ों की बात तो छोड़िए छोटे-छोटे बच्चों में भी मधुमेह रोग के लक्षण मिल रहे हैं। कुल मिलाकर मधुमेह रोग भयावह रूप धारण करता जा रहा है। अगर इसकी रफ्तार इसी तरह रही तो हर 40 फीसद लोग इसके शिकार हो जाएंगे। यह सभी के लिए ¨चता की बात है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 12:00 AM (IST)
तेजी से बढ़ रही मधुमेह रोगियों की तादाद
तेजी से बढ़ रही मधुमेह रोगियों की तादाद

आजमगढ़ : जनपद में डायबिटीज के रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। हाल यह है कि अब छोटे बच्चों में भी मधुमेह के लक्षण मिल रहे हैं। अगर यही रफ्तार बनी रही तो 40 फीसद लोग इसके शिकार हो जाएंगे। जिला अस्पताल में पिछले एक साल से खुले गैर संक्रामक रोग प्रकोष्ठ में सारी जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां मरीज निश्शुल्क उपचार करवा रहे हैं। फिलहाल जागरूकता के अभाव में तमाम लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। इसकी वजह से प्राइवेट अस्पताल में उनका आर्थिक दोहन हो रहा है। जिला अस्पताल में आए मरीजों पर एक नजर डालें तो अब तक लगभग 500 से अधिक मरीज डायबिटीज के मिल चुके हैं। यहां कुल 3000 से अधिक मरीजों की जांच की गई है।

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जिला अस्पताल में 15 अक्टूबर 2017 को गैर संक्रामक रोग प्रकोष्ठ की स्थापना की गई। इसमें पांच रोगों के मरीजों का उपचार शुरू हुआ। इसमें डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, स्ट्रोक व कैंसर शामिल हैं। इसमें अब तक शासन की तरफ से मात्र डायबिटीज व उच्च रक्तचाप के मरीजों का ही उपचार शुरू हो पाया है। निगरानी रखने की जिम्मेदारी डा. विजय प्रताप ¨सह को सौंपी गई हैं। डा. ¨सह की मानें तो मधुमेह की 50 फीसद बीमारी आनुवांशिक होती है। माता-पिता बीमार तो 50 फीसद आशंका

हर वयस्क भारतीय में पांच में से एक व्यक्ति को मधुमेह टाइप-2 होता जा रहा है। जिनके माता-पिता में किसी को यह बीमारी है, उनको रोग होने की आशंका 50 फीसद है। ऐसे लोगों को 35 साल की उम्र से ही इस बीमारी के लिए निश्शुल्क जांच की सुविधा दी गई है। जा सकती है आंखों की रोशनी

जिन लोगों को डायबिटीज है, वे नियमित उपचार, व्यायाम संतुलित आहार से इसे नियंत्रित रख सकते हैं क्योंकि सुगर के अनियंत्रित होने से हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, आंखों की रोशनी जा सकती है। फालिज भी मार सकता है। इसके लिए लोग अधिकतर खाली पेट व खाना खाने के बाद सुगर की जांच कराते हैं, लेकिन इसके नियंत्रण की जांच के लिए प्राइवेट में महंगी जांच है। इसको एचबीए वन कहते हैं। इसकी जांच क्लीनिक द्वारा निश्शुल्क में करायी जा रही है। यह तीन महीने के सुगर से नियंत्रण के बारे में जानकारी देगी। यह है लिपिड प्रोफाइल

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हृदय की धमनी में अवरोध, स्ट्रोक या पक्षाघात के मरीजों में एक बड़ा कारण है। इसकी जांच के लिए यह टेस्ट कराया जाता है। जिनमें लिपिड प्रोफाइल बढ़ा होता है उनको देशी घी, वनस्पति घी जहर के रूप में काम करता है और अन्य तेलों को भी कम मात्रा में सेवन की सलाह दी जाती है। आज निकाली जाएगी रैली : सीएमओ

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रवींद्र कुमार ने बताया कि मधुमेह दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए जिला अस्पताल से मंडलायुक्त जगत राज हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना करेंगे। इसके बाद सीएमओ कार्यालय गोष्ठी का आयोजन किया गया है। इसमें मधुमेह रोग से बचाव पर सारी जानकारियां लोगों को दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि मधुमेह खतरनाक बीमारी है। इसका सही समय से उपचार कराते रहना चाहिए। समय से इसकी जांच होने से शुगर कंट्रोल रहता है। इसके लिए जिला अस्पताल में निश्शुल्क व्यवस्था की गई है।


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