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नहरों की सफाई से पिछड़ी रबी की बोआई

नहरों की हो रही सफाई, पिछड़ रही रबी की बोआई

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 09:50 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 09:50 PM (IST)
नहरों की सफाई से पिछड़ी रबी की बोआई
नहरों की सफाई से पिछड़ी रबी की बोआई

आजमगढ़ : सस्ते दर पर फसलों की ¨सचाई सुविधा उपलब्ध कराने की सरकारी मंशा जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते पूरी नहीं हो पा रही है। सरकार द्वारा लाखों खर्च कर लगवाए गए अधिकतर राजकीय नलकूप विभिन्न कारणों से खराब पड़े हैं। वहीं नहरों में भी पानी नदारद है। कारण कि जिले में नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य चल रहा है। इसके चलते 28 अक्टूबर से ही नहर में पानी का प्रवाह बंद है। ऐसे में रबी की बोआई पिछड़ रही है। शासन के सख्त निर्देश के बाद भी इन नलकूपों की सुधि नहीं ली जा रही है।

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किसान आसानी से कम लागत में अपनी फसलों की ¨सचाई कर सकें, इसके लिए सरकार द्वारा नहरों का जाल बिछाया गया है। साथ ही गांवों में राजकीय नलकूप लगवाए गए हैं। जिम्मेदार लोगों की उदासीनता के चलते किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं खराब पड़े नलकूपों को ठीक कराने में विभाग द्वारा कोई रुचि नहीं ली जा रही है। जहां कुछ नलकूप री-बोर की प्रतीक्षा में बेपानी हैं, वहीं कुछ ट्रांसफार्मरों की खराबी के चलते बंद हैं। नलकूप विभाग के आकड़ों के अनुसार 542 नलकूपों में से लगभग 15 नलकूप विद्युत खराबी के चलते बंद पड़े हैं। वहीं कुछ नलकूप तो ऐसे भी हैं, जिनकी नालियां क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। तहबरपुर गांव में लगा राजकीय नलकूप संख्या 98 पिछले एक वर्ष से खराब है। किसानों का कहना है कि नहरों में पानी न आने व नलकूप की खराबी के चलते वे अपनी फसलों की ¨सचाई नहीं कर पाते। उन्हें अपनी फसलों की ¨सचाई के लिए निजी ट्यूबवेल का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं ¨सचाई विभाग द्वारा 10 दिसंबर के बाद ही नहरों में पानी छोड़ा जा सकेगा। ऐसे में किसान ¨चतित नजर आ रहे हैं।


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