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ग्रामीण क्षेत्रों में भी निकला मोहर्रम का जुलूस

ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह दसवीं मोहर्रम पर ताजिए का जुलूस निकाला गया। जुलूस के दौरान अंजुमनों ने नौहाख्वानी व सीनाजनी करत हुए चल रहे थे। दीदारगंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के राजापुर, महमूदपुर, झऊवापुर, पाईदापुर शेखवलिया गांव में दसवीं मोहर्रम में ताजिए का जुलूस निकाला गया। लोगों ने ताजियों को हुब्बीगंज बाजार के चौक पर रखकर जंजीर व कमा का मातम किया। मौलाना शबीहुल हसन खां ने तकरीर पेश की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 12:36 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 12:36 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में भी निकला मोहर्रम का जुलूस
ग्रामीण क्षेत्रों में भी निकला मोहर्रम का जुलूस

आजमगढ़ : ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह दसवीं मोहर्रम पर ताजिए का जुलूस निकाला गया। जुलूस के दौरान अंजुमनें नौहाख्वानी व सीनाजनी करते हुए चल रही थीं। दीदारगंज क्षेत्र के राजापुर, महमूदपुर, झऊवापुर, पाईदापुर शेखवलिया गांव में दसवीं मोहर्रम में ताजिए का जुलूस निकाला गया। लोगों ने ताजियों को हुब्बीगंज बाजार के चौक पर रखकर जंजीर व कमा का मातम किया। मौलाना शबीहुल हसन खां ने तकरीर पेश की। कहा कि हुसैन साहब ने खुदा व इंसानियत के लिए लड़ते हुए कर्बला के मैदान में अपनी कुर्बानी दी। हमें उनके बलिदान को भूलना नहीं है। क्षेत्र के सभी ताजिए कर्बला में पहुंचे और युवकों ने अंगारों पर चलकर हैरतअंगेज कारनामे दिखाए। इसके बाद ताजियों को हुब्बीगंज की कर्बला में दफ़न किया गया। सुरक्षा व्यवस्था में थानाध्यक्ष राजकुमार ¨सह सहयोगियों के साथ डटे रहे। इस अवसर मो. अब्बास खान, सैय्यद कमर हसन, सैय्यद हादी हसन, मुन्ने रजा खान, शब्बीर हसन खान, इंतेखाब हैदर गया।

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बूढ़नपुर क्षेत्र में मुहर्रम के मौके पर मुस्लिम समाज द्वारा ताजिया जुलूस निकाला गया। इस दरम्यान लाठी, तलवार आदि हथियारों से बच्चों, युवकों व बुजुर्गो द्वारा विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन भी किया गया।

अतरौलिया मे मोहर्रम का जुलूस के दौरान क्षेत्र या हुसैन के नारों से गूंज उठा। नगर पंचायत में जामा मस्जिद से शुरू हुआ मोहर्रम का जुलूस शांति व सद्भावना से तहजीब को लेकर पूरे नगर में भ्रमण करते हुए कर्बला पर जाकर उसे दफन किया। मुस्लिम बंधुओं के साथ ¨हदू बंधुओं ने भी ताजिए को कंधा देकर उनके गमों में शामिल हुए। ताजिया जुलूस के पीछे मुस्लिम महिलाएं गमगीन माहौल में या हुसैन को याद कर रही थीं। वहीं एसडीएम इंद्रभान तिवारी ने नगर पंचायत के कर्मचारियों की मदद से सड़कों पर लटकते तारों को लिफ्ट मशीन से ऊंचा करवाया। इस काम मे बंदी सोनकर, विजय कुमार आदि लगे थे।

माहुल कस्बे व आस-पास के कई गांवों मे शिया समुदाय द्वारा अलम व ताजिए के साथ जलूस निकाला गया। हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की मक्का के कर्बला की जंग में शहादत की याद में जलूस में मातम और सीनाजनी की गई और बाद मे कर्बला मे ताजिया दफन किया गया।

लालगंज क्षेत्र के गोला बाजार से मोहर्रम के अवसर पर ताजिया जुलूस शांति ढंग से निकाला गया। मोहर्रम का जुलूस या हुसैन के नारों से गूंजता रहा। मेंहनगर कस्बे में ताजिया लेकर जुलूस की शक्ल में करतब करते अंजुमनों के साथ दरगाह स्थित शाह बुखारी की मजार पर पहुंचकर तकरीर कर सभी ताजिएदार अपना-अपना ताजिया लेकर वापस घर गए। मुहम्मदपुर के 13 गांवों से 28 ताजियों का जुलूस निकाला गया। जुलूस के साथ लोगों ने करतब दिखाते हुए शाम को दफन कर दिया।


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