संसाधनों से लैस होगा पीजीआइ चक्रपानपुर
पीजीआई चक्रपानपुर अब विभिन्न संसाधनों से लैस होगा। इसके लिए शासन ने अपना खजाना खोल दिया है। पिछले वर्ष दो करोड़ की धनराशि ससांधनों से लैस करने के लिए आई थी।
आजमगढ़ : पीजीआइ चक्रपानपुर अब विभिन्न संसाधनों से लैस होगा। इसके लिए शासन ने खजाना खोल दिया है। पिछले वर्ष दो करोड़ की धनराशि संसाधनों से लैस करने के लिए आई थी। इस वर्ष उपकरणों व विभिन्न संसाधनों के रखरखाव के लिए शासन की तरफ से 73 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। यहां हर हाल में 24 घंटे इमरजेंसी चलनी है। यहां मरीजों को भर्ती भी किया जाना है। आगे धनराशि की और जरूरत पड़ी तो शासन स्तर से उपलब्ध कराया जाएगा।
सपा शासन में अक्टूबर 2006 में पीजीआइ का शिलान्यास किया गया था। लगभग 12 साल में पीजीआइ की दशा व दिशा बदल गई है, लेकिन इलाज व उपचार में कोई खास रुझान नहीं दिख रहा है। इसका कारण यह है कि जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर इसे स्थापित किया गया है। करोड़ों की लागत से बनकर तैयार चक्रपानपुर पीजीआइ 12 साल बाद भी पूर्ण रूप से नहीं चल पा रहा है। अस्पताल प्रशासन इसे निरंतर बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। यही नहीं शासन की तरफ से धनराशि भेजी जा रही है, ताकि यहां पूर्ण रूप से लखनऊ व बनारस की तरह यह काम करने लगे। अभी तक यहां इमरजेंसी में बहुत कम मरीज देखे जाते थे, लेकिन अब मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यहां 24 घंटे इमरजेंसी भी चलाई जा रही है। अब शासन ने यहां उपकरणों के रखरखाव के लिए 73 करोड़ रुपये रिलीज किए हैं। अभी और भी काम होने हैं। ''पिछले साल भी दो करोड़ रुपये शासन की तरफ से उपकरण खरीदने के लिए आया था। इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर लिया गया है। उपकरणों की देख-रेख के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। धनराशि स्वीकृत हो गई है, यह अच्छी बात है। धन आते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।''
-डा. आरपी शर्मा, प्राचार्य पीजीआइ चक्रपानपुर।