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खुले आसमान तले रहने वालों को मिला ठिकाना

जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना आवासविहीन गरीबों के लिए संजीवनी साबित हुई। जनपद में खुले आसमान के नीचे रह रहे सैकड़ों लोगों को जहां रहने का ठिकाना मिल गया वहीं उनकी जीवन की गाड़ी भी खिचने लगी है। लक्ष्य के सापेक्ष 95 फीसद आवास पूर्ण हो चुके हैं। शत-प्रतिशत आवासों को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। इसके बावजूद लगभग डेढ़ सौ गांवों के गरीब सेक सूची में नाम होने की वजह से आवास से वंचित हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 08:22 AM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2019 08:22 AM (IST)
खुले आसमान तले रहने वालों को मिला ठिकाना
खुले आसमान तले रहने वालों को मिला ठिकाना

जयप्रकाश निषाद, आजमगढ़

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जनपद में आवासविहीन गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना संजीवनी साबित हुई है। खुले आसमान के नीचे रह रहे सैकड़ों लोगों को जहां रहने का ठिकाना मिल गया, वहीं उनके जीवन की गाड़ी भी खिचने लगी है। लक्ष्य के सापेक्ष 95 फीसद आवास पूर्ण हो चुके हैं। शत-प्रतिशत आवासों को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। इसके बावजूद सेक सूची में नाम होने की वजह से लगभग 150 गांवों के गरीब आवास से वंचित हैं। यही नहीं इस वित्तीय वर्ष में 203 मुसहर व 110 आपदा पीड़ितों को भी प्रधानमंत्री आवास से आच्छादित कर दिया गया है।

केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार ने 2022 तक हर आवासविहीन को छत मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष 95 फीसद पात्र लोगों को आवास मिल चुका है। पांच फीसद आवासों का कार्य भी युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। 27 मार्च तक यह लक्ष्य हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। वर्ष 2016-17, 2017-18 व 2018-19 तीनों वर्षो को मिलाकर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए कुल 29186 मकान बनाए जाने थे। 95 फीसद कार्य पूर्ण हो गया है, अभी 1605 आवास अपूर्ण हैं। ये ऐसे आवास हैं जो विवादित हैं। इसकी वजह से यहां निर्माण कार्य नहीं हो पाया है। इन्हें 10 दिन पहले प्रथम व द्वितीय किश्त दी गई है। इनको छोड़ शेष मकान पूर्ण कर लिए गए हैं। कुल मिलाकर ग्रामीण आवास के मामले में जनपद की बल्ले-बल्ले है। टेंडर में फंसा है शहरी आवास

प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक सहयोग से किफायती आवास का निर्माण आखिरकार टेंडर प्रक्रिया में फंस चुका है। मानक पर निविदा नहीं होने पर कमेटी के साथ हुई बैठक के बाद एडीए उपाध्यक्ष/ जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने निविदा को निरस्त कर दिया है। अब लोकसभा चुनाव के लिए जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता की समाप्ति के बाद ही फिर से निविदा कराई जाएगी। ऐसे में 432 आवासों में रहने का सपना देख रहे लोगों के मंसूबे पर पानी फिर गया है। नगरीय आवास भी लटका

डूडा द्वारा नगर में बनवाए जा रहे आवास अभी तक पूर्ण नहीं हो पाए हैं। इसकी वजह से यह आवास भी लटका हुआ है, जबकि आवेदन की प्रक्रिया अभी चल रही है। शासन की तरफ से धन भी स्वीकृत कर दिया गया है। पीओ डूडा की मानें तो आचार संहिता की वजह से सभी कार्य रुके हुए हैं। आचार संहिता खत्म होने के बाद आवास का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा। ''हर हाल में ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास को पूर्ण कर लेना हैं। इसके अलावा अन्य प्रधानमंत्री आवास पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है। आचार संहिता की वजह से कुछ दिक्कत आ रही है। जल्द ही लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।''

-डीएस उपाध्याय, मुख्य विकास अधिकारी।


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