मुसीबत झेल रहे राहगीर, जिम्मेदार बने उदासीन
जासं सरायमीर (आजमगढ़) खरेवां मोड़ से फत्तनपुर जाने वाली सड़क की स्थिति इन दिनों बदतर हो गई है। गड्ढे इतने कि राहगीरों का आवागमन कष्टदायक बना रहता है। इसके बाद भी इसकी मरम्मत पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। यहां तो विकास की बात बेमानी सी लगती है। इस मार्ग पर आएदिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
जासं, सरायमीर (आजमगढ़) : खरेवां मोड़ से फत्तनपुर जाने वाली सड़क की स्थिति इन दिनों बदतर हो गई है। गड्ढे इतने कि राहगीरों का आवागमन कष्टदायक बना रहता है। इसके बाद भी इसकी मरम्मत पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। इस मार्ग पर आए दिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
सड़क एक बार किसी तरह बन जाए तो वर्षों तक विभागीय अधिकारी उसका हाल जानने तक नहीं आते हैं। कुछ यही हाल खरेवां मोड़ से फत्तनपुर जाने वाले मार्ग का है। कुछ साल पहले मानक के विपरीत हुए कार्य का नतीजा रहा कि वर्तमान में कई जगहों पर सड़क अपनी अस्तित्व खो चुकी है। राहगीरों की जान जोखिम में बनी रहती है। बड़े-बड़े गड्ढे खतरनाक हो गए हैं। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी सड़क को ठीक कराने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसी मार्ग से खरेवां, फत्तनपुर, कड़छा, ओस्ती आदि गांव के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने सरायमीर, बीनापारा, मदरसा बैतुल ओलूम व मदरसा इस्लाह आदि विद्यालयों में जाते हैं। क्षेत्र के नूरुद्दीन, बेलाल, राशिद, किशोर यादव, प्रेम यादव, अब्दुल्लाह, हमजा आदि का कहना है एक बार जिम्मेदार सुधि ले लें तो समस्या दूर हो सकती है।