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एनजीटी सख्त, कूड़ा जलाने पर ओशो हास्पिटल सीज

आजमगढ़ जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग की उदासीनता बिना मानक संचालित हो रहे निजी चिकित्सालयों पर आखिर एनजीटी(राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) का डंडा चल गया। एनजीटी के अधिकारियों के निर्देश पर बलरामपुर स्थित ओशो हास्पिटल को सील कर दिया। निर्देशित किया गया कि अग्रिम आदेश तक अस्तपाल का संचालन किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। इस कार्रवाई से जिले के अन्य कई निजी चिकित्सालय संचालकों में हड़कंप की स्थिति रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 06:25 PM (IST)
एनजीटी सख्त, कूड़ा जलाने पर ओशो हास्पिटल सीज
एनजीटी सख्त, कूड़ा जलाने पर ओशो हास्पिटल सीज

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग की उदासीनता से बिना मानक संचालित हो रहे निजी चिकित्सालयों पर आखिर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) का डंडा चल गया। एनजीटी के अधिकारियों के निर्देश पर बलरामपुर स्थित ओशो हास्पिटल को सीज कर दिया। निर्देशित किया गया कि अग्रिम आदेश तक अस्पताल का संचालन किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। इस कार्रवाई से जिले के अन्य कई निजी चिकित्सालय संचालकों में हड़कंप की स्थिति रही।

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तमसा की निर्मलता और शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था का निरीक्षण करने शुक्रवार को दिन भर एनजीटी की टीम की कार्रवाई चली। एनजीटी के चेयरमैन हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश देवी प्रसाद सिंह के नेतृत्व में आई टीम ने जिला महिला और मंडलीय चिकित्सालय के अलावा आधा दर्जन निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया था। मंडलीय चिकित्सालय परिसर व पोस्टमार्टम हाउस के पास गंदगी का अंबार मिला था। चेयरमैन के निर्देश पर एनजीटी के वैज्ञानिक एके त्रिपाठी टीम के साथ हर्रा की चुंगी स्थित ओशो हास्पिटल का आकस्मिक निरीक्षण किया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके मिश्रा ने बताया कि टीम ने अस्पताल के पीछे कूड़ा के ढेर में मेडिकल वेस्ट जलाते हुए पाया और उसकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराने के साथ सीज करने का निर्देश दिया था। सीज करने के बाद अस्पताल संचालक को निर्देशित किया गया है कि जब तक मानक पूरा नहीं कर लेते तब संचालन नहीं होना चाहिए। सीएमओ ने बताया कि मेडिकल वेस्ट निस्तारण, फायर सिस्टम आदि की पुन: व्यवस्था करने के बाद संचालक के आवेदन पत्र पर निरीक्षण किया जाएगा। सही मिलने पर इसकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाएगी। आदेश मिलने के बाद ही संचालन की अनुमति दी जाएगी।

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