आनलाइन चुनाव प्रचार से पोस्टर-बैनर कारोबार पर असर
-विधानसभा चुनाव-2022 -प्रचार-प्रसार से जुड़े लोगों और श्रमिकों के चेहरों पर मायूसी -चु
-विधानसभा चुनाव-2022::: -प्रचार-प्रसार से जुड़े लोगों और श्रमिकों के चेहरों पर मायूसी
-चुनाव में ठप पड़े कारोबार को गति मिलने की थी उम्मीद
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग के आनलाइन प्रचार के निर्णय से प्रचार-प्रसार से जुड़े कारोबार पर काफी असर पड़ा है। आनलाइन चुनाव प्रचार की वजह से पोस्टर-बैनर का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। इससे जुड़े लोगों के लिए यह चुनाव मासूयी से भरा ही दिखाई दे रहा है। चुनावों में वर्चुअल रैली होने से बैलेट पेपर, बैनर, होर्डिंग, पोस्टर अब नाम मात्र ही दिखाई देंगे। इन्हें लंबे समय से चुनाव के आने का इंतजार था। उम्मीद थी कि इस चुनाव में ठप पड़े कारोबार को संजीवनी मिल जाएगी। कोरोना के कारण पहले से यह धंधा चौपट हो चुका है। चुनाव की घोषणा के पहले व्यापार गति पकड़ने लगा था। वर्चुअल रैली होने के कारण बैलेट पेपर, बैनर, होर्डिंग, पोस्टर कम देखे जाएंगे। अब यह नाम मात्र के ही रह जाएंगे। बड़ी-बड़ी रैलियों के आयोजन नहीं होने से प्रचार-प्रसार के जुड़े लोगों और श्रमिकों के सामने संकट खड़ा हो गया है। उम्मीद थी कि इस चुनाव में ठप पड़े कारोबार को संजीवनी मिल जाएगी। कोरोना के कारण पहले से यह धंधा चौपट हो चुका है। चुनाव की घोषणा के पहले व्यापार गति पकड़ने लगा था। -------
आनलाइन प्रचार से काफी नुकसान हुआ है। प्रत्येक चुनाव के समय 10-12 लाख रुपये का कारोबार हो जाता था। इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं देखी। कोरोना ने पहले ही हर लोगों की कमर तोड़ दी हैं। स्कूल कालेज भी बंद चल रहे है। चुनाव आयोग को इस पर विचार करना चाहिए। जिले में दस बड़े आफसेट प्रिटिग प्रेस हैं।
-ओमजी अग्रवाल, आफसेट प्रिटिग प्रेस कारोबारी।