सोशल मीडिया पर छायी रही सीबीआइ की छापेमारी
आजमगढ़ मुख्य विकास अधिकारी डीएस उपाध्याय के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी से जनपद के आला अफसर पूरी तरह से स्तब्ध रहें। वह कुछ भी बोलने को जहां तैयार नहीं थे वहीं मीडिया को फोन कर खुद स्थिति की जानकारी ले रहे थे। जो अफसर यह सूचना सुनता था वह सन्न रह जाता था। यह खबर पूरे जनपद आग की तरह फैल गई। सोशल मीडिया पर सीबीआइ के छापे की खबर सुर्खियों में आदान-प्रदान होती रही।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मुख्य विकास अधिकारी डीएस उपाध्याय के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी की जानकारी बहुतायत अधिकारियों को नहीं थी लेकिन सोशल मीडिया पर लखनऊ व दिल्ली से जारी खबरे छायी रहीं। सीबीआइ टीम भले ही यहां पत्रकारों से बात करने से इंकार कर दी लेकिन जांच की पल-पल की रिपोर्ट की जानकारी जारी रही। बहुतायत अधिकारियों को छापेमारी की खबर वेबसाइट आदि माध्यमों से ही हुई।
विवाद में नहीं रहे सीडीओ
सीडीओ डीएस उपाध्याय वर्ष 1997 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। कुशीनगर में ट्रेनिग की। यही पर ही उन्हें सदर का एसडीएम बना दिया गया। चार साल तक यहां तैनात रहे। कुशीनगर से वह गोरखपुर एसडीएम रहे। फिर कुशीनगर आ गए। यहां चार साल रहने के बाद अंबेडकरनगर, इलाहाबाद चले गए। प्रमोशन मिला। सिटी मजिस्ट्रेट इलाहाबाद बने। इसके बाद एडीएम एफआर व एडीएम प्रशासन के पद पर देवरिया में तैनात रहे। वर्ष 2016 में विशेष सचिव रैंक में आ गए थे। इसके बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहे। फिर अपर आयुक्त चित्रकूट हुए। यहीं से 16 दिसंबर 2018 को आजमगढ़ में सीडीओ के पद पर तैनात हुए। लगभग सात माह के कार्यकाल के दौरान किसी विवाद या आरोप में नहीं फंसे। न ही किसी ने कोई शिकायत ही की पर सीबीआइ की छापेमारी ने अटकलों को हवा दे दी।