हुक्मरानों के होमवर्क के बाद भी 80 फीसद पर अटकी शारीरिक दूरियां
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : हुक्मरानों के होमवर्क के बाद भी शारीरिक दूरी बनाने की कवायद 80 फीसद पर अटक
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : हुक्मरानों के होमवर्क के बाद भी शारीरिक दूरी बनाने की कवायद 80 फीसद पर अटकी पड़ी है। खरीदारी को निर्धारित अवधि में सख्ती न हो पाने के कारण कोरोना पर प्रहार में 20 फीसद आबादी रोड़ा बन रही है। एक मीटर की दूरी के नियम को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है। ऐसे में सुरक्षा चेन टूटने से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि सुरक्षा चक्र को फुलप्रुफ करने के लिए शनिवार को कमिश्नर कनक त्रिपाठी, डीआइजी सुभाष चंद्र दुबे एवं डीएम नागेंद्र प्रसाद सिंह जिले में विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमणशील रहे।
शहर से लेकर गांवों तक में शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिग) का पालन अधिकतर क्षेत्रों में किया जा रहा है। जिले एवं मंडल के अधिकारी निकले तो जिन इलाकों में कोरोना वायरस से बचाव की निर्धारित दूरी का अनुपालन नहीं हो पा रहा था, वहां पुलिस ने जोर आजमाईश शुरू कर दी। हालांकि, पसीना बहाना के बाद भी कुछ तफरी करने वाले बाज नहीं आए तो लाठियां तनते ही बात समझ में आ गई। पुलिस की सख्ती का अब उन अभिभावकों ने समर्थन भी शुरू कर दिया, जिनके घरों के नौजवान लाख समझाने के बाद भी घरों से निकलकर घूमने से बात नहीं आ रहे थे। पुलिस का डर युवाओं से लेकर बच्चों में भी दिखने लगा है। कुछ बच्चे एक स्थान पर क्रिकेट खेलने की योजना बना रहे थे, किसी ने पुलिस गलियों में घूमने की जानकारी दी तो घरों में दुबक गए। अभिभावकों को भी नहीं समझ में आया कि बिना कहे ही कैसे घर लौट आए। सड़कों पर सन्नाटा देख लोग कहने लगे हैं, अगर लोग इसी तरह से सरकार की सलाह मानते रहे तो अपने क्षेत्र में कोरोना का कहर नहीं आएगा। लॉक डाउन के छठवें दिन पुलिस कुछ ज्यादा ही सख्ती नजर आई। यहां तक कि शहर के काली चौरा के पास पुलिस ने मरीज के वाहन को भी रोक लिया। यह देखने के बाद भी कि पैर की हड्डी टूटी है लेकिन पूछताछ में कोई कोर-कसर नहीं। मरीज का नाम-पता पूछने, एक्स-रे और अस्पताल की पर्ची देखने के बाद ही आगे जाने दिया। पुलिस की सख्ती की जानकारी जब अन्य लोगों को हुई तो देखते ही देखते नियमों की अनदेखी करने वाले भी घरों में कैद हो लिए और सड़कें वीरान।