इंसानियत व मानवता के लिए शहीद हुए थे इमाम हुसैन
(आजमगढ़) मोहर्रम के मद्देनजर रविवार को दिन रात मजलिसों का क्रम जारी रहा। कहीं जुलेसे अजा तो कहीं तकरीरे आयोजित किया गया। हजरत अब्बास के अलम पर शरबत की नज दिलाई गई। जुलूस के दौरान लोगों ने अलम पर फूल माला चढ़ा कर खिराजे अकीदत पेश किया। खवातीनों ने अजाखाने में कई मजलिसे आयोजित कर ताबूत पर फूल माला चढ़ा कर मन्नतें मांगी।
जासं, फूलपुर (आजमगढ़) : मोहर्रम के मद्देनजर रविवार को दिन रात मजलिसों का क्रम जारी रहा। जगह-जगह जुलूसे अजा व तकरीरे की गई। हजरत अब्बास के अलम पर शरबत की नज दिलाई गई। जुलूस के दौरान लोगों ने अलम पर फूल माला चढ़ा कर खिराजे अकीदत पेश किया। खवातीनों ने अजाखाने में कई मजलिसे आयोजित कर ताबूत पर फूल माला चढ़ा कर मन्नतें मांगी।
चमावां गांव में अंजुमन फरोगे अजा की ओर से निकाला गया। जुलूस में अलम, ताबूत की जियारत निकाली गई। अंजुमनों ने जंजीर का मातम कर खिराजे अकीदत पेश किया। जुलूस के दौरान महिला, पुरुषों और बच्चों ने गम का प्रतीक लिबास पहन कर जुलूस के साथ चल रहे थे। दसमढ़ा गांव में सैयद अंसार हुसैन के अजाखाने से आठवीं का जुलूस निकाला गया। इसमें मौलाना आमिर हैदर और मुहम्मद अब्बास मोनिस ने तकरीर किया। अंजुमन गुलजार पंजतन ने नौहाखानी और सीनाजनी किया। उर्दू के मशहूर शायर कैफी आजमी के पैतृक गांव मेजवां के अजाखनों में खवातीनों द्वारा नौ मजलिसे आयोजित की गई। मजलिस के दौरान इमाम हुसैन की बेटी जनाबे सकीना और हजरत अब्बास का वाकया सुन सभी महिलाएं रो पड़ी। मौलाना तनवीर आजमी ने मजलिस पढ़ी। फूलपुर के शिया आबादी में अंजुमन अब्बासिया की तरफ से पांच मजलिसे आयोजित की गई। इसमें शाहिद हुसैन ने मजलिस को खेताब किया। इस क्रम में शाहजेरपुर, अम्बारी, माहुल, समैसा, ढीघिया, मकखापुर व कुशलगाव सहित दर्जनों गांवों में जुलूस निकाला गया। दीदारगंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के राजापुर, महमूदपुर, मकदुममेढी, झऊवापुर,पाइंदापुर, शेखवलिया, गांव में गम का त्योहार ग्रामीणों की उपस्थिति में सातवां मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। जुलूस सदर इमामबाड़ा राजापुर पहुंचकर नौहा ख्वानी सीनाजनी का मातम मनाया गया। मौलाना जर्रार हुसैन खान ने तकरीर पेश करके यह कहा कि हुसैन साहब इंसानियत तथा मानवता के लिए कर्बला के मैदान में शहीद हो गए। इस अवसर पर हजारों की संख्या में सभी जाति धर्म के लोगों ने शामिल होकर भाईचारा का संदेश दिया। इस अवसर पर अली अख्तर खां, गयास हैदर, हुसैन हैदर खां, मोहम्मद आजम खां व मौलाना शाबिर सहित आदि उपस्थित थे।