Move to Jagran APP

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं, पार्क कहिए जनाब

जागरण संवाददाता आजमगढ़ सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं बदल रहीं हैं..। इसे देखना चाह र

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 04:25 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 04:25 PM (IST)
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं, पार्क कहिए जनाब
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं, पार्क कहिए जनाब

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं बदल रहीं हैं..। इसे देखना चाह रहे हैं तो आपको पहुंचना होगा अजमतगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। प्रवेश द्वार से लेकर वार्डों तक में सफाई, मशीन पार्क, फूल, पौधे इत्यादि आपका मन मोह लेंगे। ऐसा नहीं कि सरकार ने यहां के लिए अतिरिक्त बजट जारी किया है। बदलाव की बयार बहकर मुकाम तक पहुंची तो इसके पीछे चिकित्सकों एवं कर्मियों की सोच व ड्यूटी के बाद शारीरिक श्रम है।

loksabha election banner

एक की सोच ने यूपी में बनाया नंबर वन

पीएचसी के प्रभारी रहे डा. शौकत अली की सोच ने कस्बाई अस्पताल को यूपी में शीर्ष पर पहुंचा दिया। उन्होंने स्वच्छता अभियान की शुरुआत वर्ष 2016 में खुद से झाड़ू उठाकर की। उन्हें देख दूसरे चिकित्सक लगे तो फिर कर्मचारी खुद को कैसे रोक पाते। पांचों अंगुलिया एक साथ बंधी तो अस्पताल का कोना-कोना चमक उठा। रोगी-तीमारदारों ने भी गंदगी न करने का संकल्प लेकर नई व्यवस्था को संजीवनी दी। फिर क्या, कुछ अच्छा करने के जुनून में इतने बदलाव हुए कि अस्पताल यूपी में नंबर वन बन गया।

रविवार को भी ओपीडी

सरकारी अस्पतालों में सप्ताहभर आपातकाल में इलाज की व्यवस्था रहती है। अजमतगढ़ पीएचसी एक कदम आगे बढ़कर ओपीडी की सेवाएं देता है। अवकाश के बाद भी चिकित्सक एवं स्वास्थ कर्मचारी सेवा के इरादे से पहुंचते हैं।

अस्पताल ने ओढ़ ली हरियाली की चादर

चिकित्सकों, कर्मचारियों की मशक्कत में भारत नर्सरी के डायरेक्टर वंश गोपाल सिंह ने भी मदद की। प्लांटेशन का मशविरा देते हुए मुफ्त में पौधे उपलब्ध कराए तो अस्पताल ने हरियाली की चादर ओढ़ ली। अब अस्पताल की रंगत सुखद अनुभूति कराती है।

अस्पताल की व्यवस्थाओं पर एक नजर

-मरीजों के रजिस्ट्रेशन को निजी अस्पतालों की भांति व्यवस्था।

-प्रत्येक माह 300 प्रसव।

-250 मरीजों का रोजाना इलाज।

-प्रसव कक्ष में वातानुकूलित व्यवस्था।

-सीसी टीवी कैमरे से गतिविधियों पर नजर।

-साउंड सिस्टम से बुलाए जाते हैं मरीज।

-सरकारी योजनाओं की लाउडस्पीकर से मिलती है जानकारी।

-------------

वर्जन

''मैंने तो शुरुआत की, जिसे साथियों ने आगे बढ़ाया। जनता ने गंदगी न करने की ठान हमारी सोच को मंजिल दिलाई। चहुंओर से सहयोग मिला तो कुछ बेहतर करने की इच्छा में न जाने कब यूपी में नंबर बन गए और उससे आगे की रेस में शामिल हो गए। अस्पताल की बेहतरी मापने के मानक कायाकल्प लक्ष्य में अव्वल आने के बाद के एनक्वास मानकों से गुजर रही, जो एक राष्ट्रीय स्तर की इकाई है।

-डा. शौकत अली, पूर्व प्रभारी चिकित्साधिकारी, अजमतगढ़।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.