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सरकारी समेत पांच अस्पतालों पर 17.34 करोड़ जुर्माना

आजमगढ़ शहर में संचालित जिला अस्पताल राहुल सांकृत्यायन महिला अस्पताल व तीन प्राइवेट सहित कुल पांच अस्पतालों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया है। इस पर एनटीजी ने इन सभी पर 17.34 करोड़ रुपये जुर्माना ठोंका है। इसे लेकर जनपद के सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पताल में अफरातफरी की स्थिति व्याप्त है। प्राइवेट अस्पताल संचालकों की पैरों तले जमीन खिसक गई है। जिन अस्पतालों पर जुर्माना ठोंका गया है उसमें जिला अस्पताल राहुल सांकृत्यायन महिला अस्पताल वेदांता अस्पताल लछिरामपुर ओशोधारा अस्पताल और रहमान हास्पिटल हर्रा की चुंगी शामिल हैं। इन सभी पर 3 करोड़ 64 लाख

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 06:07 AM (IST)
सरकारी समेत पांच अस्पतालों पर 17.34 करोड़ जुर्माना
सरकारी समेत पांच अस्पतालों पर 17.34 करोड़ जुर्माना

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : शहर में संचालित जिला अस्पताल, राहुल सांकृत्यायन महिला अस्पताल व तीन प्राइवेट सहित कुल पांच अस्पतालों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया है। इस पर एनजीटी ने 17.34 करोड़ रुपये जुर्माना ठोंका है। इसे लेकर जनपद के सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पताल सकते में हैं।

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जिन अस्पतालों पर जुर्माना ठोंका गया है उसमें जिला अस्पताल, राहुल सांकृत्यायन महिला अस्पताल, वेदांता अस्पताल लछिरामपुर, ओशोधारा अस्पताल और रहमान हास्पिटल हर्रा की चुंगी शामिल हैं। प्रत्येक पर तीन करोड़ 64 लाख 80 हजार जुर्माना लगाया गया है।

एनजीटी के चेयरमैन व सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवी प्रसाद सिंह के निर्देश पर टीम ने 31 मई को बड़ादेव स्थित राहुल सांकृत्यायन जिला महिला चिकित्सालय और हर्रा की चुंगी स्थित मंडलीय चिकित्सालयों के अलावा आधा दर्जन बड़े निजी चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान मंडलीय चिकित्सालय व कई निजी चिकित्सालयों में गंदगी पाई गई थी। साथ ही मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल की कोई व्यवस्था न होने पर नाराजगी व्यक्त की थी। टीम ने संबंधित सरकारी व निजी अस्पतालों में गंदगी की फोटो कराई थी और कार्रवाई के लिए रिपोर्ट एनजीटी को भेज दी थी। यूपी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मानीटरिग कमेटी रूल्स 2016 का 29 मई 2019 तक यानी कुल 1156 दिनों का उल्लंघन करने की बात है। एनजीटी निगरानी समिति के सचिव राजेंद्र सिंह की मानें तो छह महीने की अवधि के अंदर इन अस्पतालों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए टीम को भेजा जाएगा। अगर फिर भी स्थिति सही नहीं मिली तो गैर अनुपालन में छह महीने के बाद बीएमडब्ल्यू रूल्स 2016 के उल्लंघन के लिए 25,000 प्रति दिन का जुर्माना वसूला जाएगा। हर हाल में सीपीसीबी और यूपीपीसीबी की संयुक्त निरीक्षण टीम की सिफारिशों (सुप्रा) का अनुपालन छह महीने के अंदर किया जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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एनजीटी की टीम ने जिला व महिला अस्पताल सहित पांच अस्पतालों का निरीक्षण किया था। इन सभी में तमाम कमियां मिली थी। एनजीटी के लोग इससे नाखुश थे। इसी वजह से इन अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है।

-डा. एके मिश्रा : मुख्य चिकित्साधिकारी।


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