Move to Jagran APP

नामवर ¨सह ने अभिव्यक्ति को दिया नया आयाम

आजमगढ़ लोक मनीषा परिषद के तत्वावधान में हरिबंशपुर स्थित कार्यालय में साहित्यिक विधा के नवयुग प्रवर्तक प्रोफेसर नामवर ¨सह के निधन पर गुरूवार को शोक सभा आयोजित की गई। इस दौरान साहित्यिक प्रेमियों ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:00 PM (IST)
नामवर ¨सह ने अभिव्यक्ति को दिया नया आयाम
नामवर ¨सह ने अभिव्यक्ति को दिया नया आयाम

जासं, आजमगढ़ : लोक मनीषा परिषद के तत्वावधान में हरिबंशपुर स्थित कार्यालय में साहित्यिक विधा के नवयुग प्रवर्तक प्रोफेसर नामवर ¨सह के निधन पर गुरुवार को शोकसभा हुई। इस दौरान साहित्य प्रेमियों ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की।

loksabha election banner

डा. शिवाजी गोंड ने कहा कि साठोत्तरी कविता-साहित्य के युग नायक प्रो. नामवर ¨सह ने समाज के भीतर रचित पूर्ववर्ती साहित्यिक विचारों, विधाओं से उदासीन होते हिंदी के प्रबुद्ध ¨चतकों को बदलते समाज के अनुकूल नयर तेवर प्रदान करने का अद्वितीय कार्य किया। कौशल कुमार शुक्ल ने उन्हें सजगता का प्रखर वक्ता तथा साहित्यक और समाज के बीच विचार की जटिलता परिस्थितियों के उत्पन्न होने पर सेतु बनकर अभिव्यक्ति को नया आयाम देने वाला बताया। अध्यक्ष पंडित जनमेजय पाठक ने कहा कि नामवर ¨सह वर्तमान के सांस्कृतिक अर्थवत्ता को सुदृढ़ करने और जीवन विकास में ओझल हो चुके यथार्थग्राही विचारों के पक्षधर रहे। डा. अखिलेश चंद्र ने कहा कि साहित्यिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। डा. गीता ¨सह ने डा. नामवर को आलोचना क्षेत्र का दक्ष मर्मज्ञ बताया। गोष्ठी में प्रमोद कुमार, सूर्यनाथ, रविराय, विमल श्रीवास्तव, विष्णुशरण, अंबरीश त्रिपाठी, विजय देव ¨सह उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.