लाखों खर्च फिर भी खेतों तक नहीं पहुंचा पानी
आजमगढ़ : जिले के अधिकतर राजकीय नलकूपों का लाभ सभी किसानों को नहीं मिल रहा है। कारण्
आजमगढ़ : जिले के अधिकतर राजकीय नलकूपों का लाभ सभी किसानों को नहीं मिल रहा है। कारण की अधिकतर नलकूपों की नालियां जर्जर हाल में हैं। नाली क्षतिग्रस्त होने के चलते दूर वाले खेतों में पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है। हालांकि विभाग द्वारा हर वर्ष नाली मरम्मत में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद पानी किसान के खेत तक नहीं पहुंच पाता है। पीक आवर में नलकूपों का बेहतर तरीके से उपयोग न होने से धान की फसल सूख रही है।
किसानों को खेत की ¨सचाई करने में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए जिले में 540 राजकीय नलकूप लगाए गए हैं। नलकूप व नालियों की मरम्मत के लिए विभाग को हर वर्ष शासन से मोटी रकम मिलती है। इसके बावजूद मरम्मत के नाम पर कुछ नहीं होता है। क्षेत्र में अधिकतर नालियां जर्जर हो गई हैं जिससे किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पाता है। इससे किसान को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि जिम्मेदार कागजों में सबकुछ दुरुस्त मानकर चुप हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो हर वर्ष प्रति नलकूप की नालियों के मरम्मत के लिए शासन से 12 हजार 500 रुपये मिलते हैं। इस हिसाब से 540 नलकूप की नालियों के मरम्मत के लिए प्रति वर्ष 67.50 लाख मिलता है। इसके बावजूद विभाग नालियों की मरम्मत नहीं करा रहा है। ऐसे में किसान धान की ¨सचाई करने के लिए परेशान हैं। लगभग हर ब्लाकों की यही स्थिति है। कहीं नाली कूड़े-कचरे से पटी तो कहीं क्षतिग्रस्त है। इससे किसानों को मजबूरन निजी नलकूपों से ¨सचाई करानी पड़ रही है। नाली जर्जर होने से नलकूप निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। ''हर वर्ष क्षतिग्रस्त नालियों के मरम्मत के लिए प्रति नलकूप 12 हजार 500 रुपये शासन से मिलते हैं, जिससे नालियों की मरम्मत कराई जाती है। यदि कोई किसान नाली की समस्या लेकर आता है तो उसका समाधान किया जाता है।''
-राकेश बिहारी मल्ल, अधिशासी अभियंता, नलकूप खंड आजमगढ़।