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भूमि के अभाव में वर्षों से अटकी कई परियोजनाएं

आजमगढ़ विकास को गति देने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से अनेकों योजनाओं की स्वीकृति दी गई। परियोजना की स्थापना को धन की भी मंजूरी मिल गई लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से वर्षों बाद भी भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। इसमें आधुनिक टेस्ट ड्राइविग ट्रैक आरटीओ ऑफिस वीवी पैट गोदाम 1500 प्रधानमंत्री आवास (शहरी-सहयोग से किफायती आवास) आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण आदि शामिल हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 11:34 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 11:34 PM (IST)
भूमि के अभाव में वर्षों से अटकी कई परियोजनाएं
भूमि के अभाव में वर्षों से अटकी कई परियोजनाएं

जासं, आजमगढ़: विकास को गति देने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से अनेकों योजनाओं की स्वीकृति दी गई। परियोजना की स्थापना को धन की भी मंजूरी मिल गई लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से वर्षों बाद भी भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। इसमें आधुनिक टेस्ट ड्राइविग ट्रैक, आरटीओ ऑफिस, वीवी पैट गोदाम, 1500 प्रधानमंत्री आवास (शहरी-सहयोग से किफायती आवास), आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण आदि शामिल हैं।

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गंभीरबन में आटोमेटिक ड्राइविग ट्रैक का निर्माण

शासन की पहल पर आरटीओ आफिस और आटोमेटिक ड्राइविग ट्रैक के निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने गंभीरबन गांव की ऊसर भूमि के गाटा संख्या-452 में 2.024 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित किया था। निर्माण कार्य के लिए लगभग एक करोड़ रुपये शासन द्वारा कार्यदायी संस्था सिडको को अवमुक्त कर दिया। प्रथम चरण में कार्यदायी संस्था द्वारा डेटर प्रक्रिया के बाद आटोमेटिक ड्राइविग ट्रैक का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया। इसी बीच जब बसपा के पूर्व सांसद डा. बलिराम और गांव के अन्य लोगों ने अपनी जमीन उस पर हाईकोर्ट का स्थगन आदेश बताकर काम रोकवा दिया।

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1368 प्रधानमंत्री शहरी आवास का निर्माण

प्रधानमंत्री आवास शहरी (सहयोग से किफायत आवास) योजना के तहत कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद को तीन वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में 1000 आवास और विकास प्राधिकरण को 800 आवासों का निर्माण कराना है। इसमें से अब तक केवल विकास प्राधिकरण को केवल 432 आवास निर्माण के लिए ही भूमि मिल सकी। जबकि दोनों कार्यदायी संस्थाओं को अभी भी 1366 आवासों के निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता है।

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13.16 लाख से वीवीपैट गोदाम का निर्माण

राज्य निर्वाचन आयोग ने वीपीपैट गोदाम के लिए एक करोड़, 13 लाख, 16 हजार रुपये जारी कर दिया गया। जबकि अभी भूमि ही नहीं मिली है। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा एसडीएम सदर को भूमि चिह्नित कर रिपोर्ट मांगी गई है।अब देखना है कि भूमि की तलाश कब पूरी होती है।

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11 ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण

शासन की पहल पर जिले के 11 विकास खंडों की 11 ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाना है। इसमें ब्लाक अहरौला की ग्राम पंचायत लेदौरा, में तीन, लालगंज के रामपुर कठवा, मिर्जापुर के शेरवा, पवई के कोहड़ा, पल्हनी का नीबी व हुसेनगंज, रानी की सराय के ऊंची गोदाम व ईश्वरपुर, अजमतगढ़ के महुला एवं ब्लाक मार्टीनगंज की ग्राम पंचायत लसड़ा खुर्द शामिल है। कार्यदायी संस्था आरईएस को धन भी अवमुक्त कर दिया गया है लेकिन भूमि की उपलब्धता अभी तक पूरी नहीं हो सकी।

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''गंभीरबन में आटोमेटिक ड्राइविग ट्रैक, आरटीओ आफिस, वीवीपैट गोदाम निर्माण के लिए भूमि की चिह्नित करने के लिए राजस्व कर्मियों को निर्देशित किया जा चुका है। जल्द ही भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित कर दी जाएगी।

-प्रशांत कुमार नायक, उप जिलाधिकारी सदर, आजमगढ़।

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''प्रधानमंत्री शहरी आवास के निर्माण के लिए कई जगह भूमि चिह्नित की गई थी लेकिन कार्यदायी संस्था ने उसे अनुपयोगी बता दिया। भूमि की तलाश के लिए एसडीएम सदर को निर्देशित किया गया है।

-नरेंद्र सिंह, उप जिलाधिकारी प्रशासन, आजमगढ़।


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