जर्जर भवन में चल रहा मलेरिया विभाग, हादसे की आंशका
बलरामपुर (आजमगढ़) जनपद में मलेरिया एवं फाइलेरिया से लोगों को निजात दिलाने वाले कर्मचारी खुद जर्जर भवन में काम करने को विवश है।
जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़) : जनपद में मलेरिया एवं फाइलेरिया से लोगों को निजात दिलाने वाले कर्मचारी खुद जर्जर भवन में काम करने को विवश है। सालों पूर्व से भवन की स्थित खराब होने के बावजूद जिम्मेदार दुश्वारियों का संज्ञान नहीं ले पा रहे हैं। बारिश के दिनों में तो वहां घुटने भर पानी लग जाता है। कार्यालय में रोजाना दर्जनों लोगों के आने-जाने के कारण परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल परिसर में मलेरिया विभाग का दफ्तर है। यहीं से मलेरिया एवं फाइलेरिया की बीमारी से लोगों को बचाने की कवायद शुरू होती है। स्वास्थ्य कर्मचारी दिन-रात गांव-गांव घूमकर लोगों को चिन्हित कर दवाएं देते हैं। लेकिन विभागीय लोगों की दुश्वारियों का संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है। जिला अस्पताल में करीब पांच दशक पूर्व मलेरिया विभाग का भवन बनाया गया था, जो अब जर्जर हो चुकी है। सरकार समय-समय पर रोगों से मुक्ति दिलाने अभियान तो चलाती है, लेकिन सरकारी भवनों का ध्यान नहीं रख पाती। जर्जर भवन में अधिकारी और कर्मचारी जान-जोखिम में डालकर कार्य करने को मजबूर हैं। यहां रोजाना दर्जनों लोगों का आना-जाना होना से परेशानी होती है। मलेरिया भवन से ही मरीजों को दवाएं भी दी जाती हैं, लिहाजा लोग चाहकर भी राह भूल नहीं पाते। बारिश के दिनों में तो यह कई जगह से टपकता है। घुटने भर पानी जमा हो जाने से परेशानी ज्यादा खड़ी हो जाती है। सीएमओ डा. इंद्र नारायण तिवारी ने बताया कि मलेरिया अधिकारी ने जर्जर भवन के बारे में अवतग कराया है। जेई को एस्टीमेट बनाने का निर्देश दिया हूं। रिर्पोट शासन को भेजी जाएगी, हरी झंडी मिलते ही आगे की कारवाई की जाएगी।