अबकी एम-3 ईवीएम से होगा लोस चुनाव, एफएलसी की तैयारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर खूब हो हल्ला मचा था। बसपा व सपा समेत कई पार्टियों ने इस पर सवाल उठाए थे। निर्वाचन आयोग भी इस मामले को लेकर बेहद संजीदा रहा। हालांकि गड़बड़ी के पुख्ता साक्ष्य किसी के पास नहीं रहा। बहरहाल, भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश का आगामी लोकसभा चुनाव एम-3 ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वो¨टग मशीन से कराने का निर्णय लिया है। यह मशीन ईवीएम का थर्ड जनरेशन है। यह मशीन पूरी तरह से अपडेट है। बताया जा रहा है कि इसमें कहीं से कोई गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। बहरहाल, जिले में 6162 नई मशीनें यानी एम-3 ईवीएम यहां आ चुकी है। इसमें 451
विकास ओझा, आजमगढ़
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर खूब हो-हल्ला मचा था। बसपा व सपा समेत कई पार्टियों ने इस पर सवाल उठाए थे। निर्वाचन आयोग भी इस मामले को लेकर बेहद संजीदा रहा। हालांकि गड़बड़ी के पुख्ता साक्ष्य किसी के पास नहीं मिला। बहरहाल, भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश का आगामी लोकसभा चुनाव एम-3 ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वो¨टग मशीन से कराने का निर्णय लिया है। यह मशीन ईवीएम का थर्ड जेनरेशन है और पूरी तरह अपडेट है। बताया जा रहा है कि इसमें कहीं से कोई गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। बहरहाल, जिले में 6162 नई मशीनें यानी एम-3 ईवीएम यहां आ चुकी है। इसमें 4518 बीयू यानी बैलेट यूनिट व 4558 सीयू (कंट्रोल यूनिट) शामिल है। यह सभी मशीनें बेंगलुरु से आई हैं। बुधवार से एफएलसी (फर्स्ट लेवल चे¨कग) शुरू होने जा रही है। बेंगलुरु से विशेषज्ञों की टीम आज यहां पहुंचेगी। एफसीआइ गोदाम में एफएलसी पूर्ण होने के बाद मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्यक्रम अंतिम दौर में है। इस तरह लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हो चुकी हैं। क्या है एम-3 मशीन
अपडेट ईवीएम थर्ड जेनरेशन का ईवीएम है, इसलिए इसका नाम एम-3 ईवीएम रखा गया है। एम-3 ईवीएम की विशेषता यह है कि इसके चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता है। इसको दोबारा लिखा भी नहीं जा सकता है। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। यदि कोई इस ईवीएम से छेड़छाड़ करेगा या इसका स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा तो मशीन बंद हो जाएगी। मशीन में रियल टाइम क्लाक और डायनेमिक को¨डग जैसी विशेषता है। इसकी है¨कग या री-प्रोग्रा¨मग नहीं की जा सकती है। खास बात यह है कि एम-3 में 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी होगी। पहले सिर्फ चार यूनिट और 64 प्रत्याशियों की जानकारी ही रखी जा सकती थी। इस मशीन को भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड बेंगलुरु और इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया हैदराबाद में तैयार हुआ है। ''एफएलसी 21 नवंबर से शुरू होनी है। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बेंगलुरु से इंजीनियरों की टीम देर रात तक यहां पहुंच जाएगी। एम-3 ईवीएम यहां आ चुकी है। अबकी नई मशीन को लेकर भी जागरूकता अभियान चलेगा।''
-बृजेश श्रीवास्तव, सहायक निर्वाचन अधिकारी। परीक्षा पास कर मास्टर ट्रेनर बने इंजीनियर कुलभूषण
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से स्टेट लेवल पर मास्टर ट्रेनर की परीक्षा हुई। प्रदेश के बहुतायत जिले के अधिकारी इस परीक्षा में शामिल हुए। बामुश्किल से कुछ ही इस परीक्षा में पास हो सके। इसमें आजमगढ़ के राजकीय पालीटेक्निक के शिक्षक इंजीनियर कुलभूषण ¨सह भी शामिल हैं। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सर्टिफिकेट भी दिया गया है। परीक्षा पास करने के बाद एसएलएमटी यानी स्टेट लेवल मास्टर ट्रे¨नग पूरी की। यह ट्रे¨नग पूरी तरह से एम-3 मशीन को लेकर हुई। उन्होंने बताया कि नई ईवीएम पूरी तरह से अपडेट है। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। शिकायत की मामूली गुंजाइश भी नहीं। बताया कि आयोग की दिशानिर्देश के क्रम में शीघ्र डीएलएटी यानी डिस्ट्रिक्ट लेवल मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। दक्ष यह लोग ब्लाकवार ट्रे¨नग को मूर्तरूप देंगे।