शिवालयों में लॉकडाउन, पार्थिव पूजन का बढ़ा प्रचलन
आज सावन माह का दूसरा सोमवार था। हिदु धर्म में श्रावण मास का बड़ा महत्व है। इस माह में शिवार्चन का विशेष महात्म्य बताया गया है। पर कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दस दिनों से जिला मुख्यालय में जारी लागू लॉकडाउन की वजह से श्रद्धालुओं को एक बार फिर निराशा हाथ लगी।
जागरण संवाददाता, बलिया: कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दस दिनों से लॉकडाउन की वजह से श्रद्धालुओं को एक बार फिर निराशा हाथ लगी। सावन माह का दूसरे सोमवार को जिले के प्रमुख शिवालयों में शामिल बाबा बालेश्वर नाथ का जलाभिषेक करने का सौभाग्य भक्तों को फिर नहीं मिल पाया। शहर के विभिन्न मंदिरों के कपाट बंद रहे। लिहाजा भक्तों को घर पर ही पूजा करनी पड़ी। ऐसे में पार्थिव पूजन प्रचलन बढ़ गया है। लोग अपने घरों में शिवलिंग के प्राण प्रतिष्ठा कराकर पार्थिव पूजन कर रहे हैं।
पिछले तीन हफ्ते से जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने 21 जुलाई तक लॉकडाउन घोषित कर रखा है। इससे शहर के बाबा बालेश्वर नाथ व भृगु मंदिर को बंद कर दिया गया है। वहीं ग्रामीणांचलों में भी लोगों को कोरोना का भय सताने लगा है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग स्वयं सार्वजनिक स्थलों से दूरी बनाने लगे हैं। इसका असर गांवों के विभिन्न शिवालयों में भी देखने को मिला। सावन में खासकर सोमवार को जिन मंदिरों में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती थी वहां कोरोना महामारी के चलते सन्नाटा छाया रहा। भक्त घर पर ही देवाधिदेव का पूजन-अर्चन किए। जिले के प्रसिद्ध शिवालयों में शामिल कामेश्वार धाम, छितेश्वर नाथ मंदिर, सिद्धेश्वर नाथ मंदिर, बालखंडी नाथ मंदिर व असेगा के शोकहरण नाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही। गिने-चुने लोग ही भगवान शिव का दर्शन-पूजन व जलाभिषेक करने पहुंचे। पार्थिव पूजन कर ईश्वर को नमन
शिव पूजन के लिए सावन माह में भक्त विधि विधान से शिवाराधना कर कल्याण की कामना करते हैं। इस दौरान भक्तों द्वारा विभिन्न शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक भी कराया जाता है लेकिन कोरोना प्रकोप व लॉकडाउन की वजह से इस बार ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में शिवभक्त घर पर ही पार्थिव पूजन व अभिषेक कर भगवान आशुतोष से मंगलकामना कर रहे हैं। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित पार्थिव पूजन के महत्व को ध्यान में रखकर लोग घर पर ही रुद्राभिषेक करा कर व बेलपत्र इत्यादि पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।