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बस एक क्लिक और खुल जाएगी शस्त्र धारकों की कुंडली

ट्वीटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के जरिए आम जनता की समस्याएं पहले से ही पुलिस सुलझाने को प्रयासरत है। इसी के साथ ही थाने व पुलिस कार्यालयों की भागदौड़ व चक्कर लगाने से लोगों को बचाने के लिए आनलाइन एफआईआर, चरित्र प्रमाण पत्र समेत अन्य समस्याओं का समाधान करने में भी जुटी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 06:14 PM (IST)
बस एक क्लिक और खुल जाएगी शस्त्र धारकों की कुंडली
बस एक क्लिक और खुल जाएगी शस्त्र धारकों की कुंडली

मनोज जायसवाल, आजमगढ़

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ट्विटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के जरिए आम जनता की समस्याएं पहले से ही पुलिस सुलझाने को प्रयासरत है। इसी के साथ ही थाने व पुलिस कार्यालयों की भागदौड़ व चक्कर लगाने से लोगों को बचाने के लिए ऑनलाइन एफआइआर, चरित्र प्रमाण पत्र समेत अन्य समस्याओं का समाधान करने में भी जुटी हुई है। अब अपराधियों के डाटा संग लाइसेंसी शस्त्र धारकों का भी पूरा लेखा-जोखा पुलिस सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रै¨कग नेटवर्क एंड सिस्टम) में फी¨डग करने का कार्य शुरू करा दिया है। लाइसेंसी शस्त्रधारकों का ब्योरा एनआइसी के एचआर पोर्टल पर फीड होते ही पुलिस के अधिकारी कहीं से भी बैठकर किसी भी लाइसेंसी शस्त्रधारक की पूरी कुंडली एक क्लिक कर खंगाल सकेंगे। एनआइसी पोर्टल में अपलोड होगा ब्योरा

लाइसेंसी शस्त्रधारकों का पूरा रिकार्ड डिजिटलाइज होते ही पुलिस कहीं से भी किसी शस्त्रधारकों के बारे में कुछ भी जानकारी चाहेगी तो उसे एनआइसी के पोर्टल को सिर्फ एक क्लिक करना होगा। लाइसेंसी शस्त्रधारकों का पूरा डिटेल महज एक क्लिक पर उसे आसानी के साथ उपलब्ध हो जाएगा। बाद में शस्त्रधारकों का पूरा डाटा ऑनलाइन करने की भी योजना है।

खत्म होगा कागजों का अंबार

वर्तमान में पुलिस विभाग के थाने से लगायत डीएम कार्यालय तक शस्त्र विभाग में लाखों की संख्या में लाइसेंसी शस्त्रधारकों का रिकार्ड रखा गया है। यह आजादी के वक्त से चल रहा है। अब इन दस्तावेजों को सुरक्षित रख पाना पुलिस के साथ ही शस्त्र विभाग के अधिकारियों व कर्मियों के लिए मुश्किल हो गया है। अगर पुराने शस्त्रधारक के पत्रावली की तलाश करना हो तो यह भी बेहद मुश्किल है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यूपी पुलिस ने शासन को प्रस्ताव भेजकर लाइसेंसी शस्त्रधारकों के रिकार्ड को डिजिटलाइजेशन कराने की गुजारिश की थी। जिस पर शासन ने मंजूरी दी। प्रोफार्मा में शस्त्र धारक के फोटो के साथ ही कुल 17 ¨बदु शामिल हैं। इसमें लाइसेंसी शस्त्रधारक का नाम, रिश्तेदार का नाम आदि शामिल हैं।

जनपद में मौजूद लाइसेंसी शस्त्रधारक

जिले में लगभग 16,282 लाइसेंसी शस्त्रधारक हैं। जिनमें से 1205 के पास रायफल, साढ़े ग्यारह हजार के पास एसबीबीएल व 200 के पास डीबीबीएल बंदूक हैं। इसी प्रकार से 1900 लोगों के पास रिवाल्वर व पिस्टल हैं, जबकि इसके अलावा गैर प्रांत से जारी लाइसेंसी शस्त्र धारकों की संख्या कितनी है, इसका डिटेल शस्त्र विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है। ''जिले में कितने शस्त्र लाइसेंसी धारक है इसका पूरा रिकार्ड पुलिस के पास मौजूद नहीं है। शस्त्र कार्यालय व पुलिस थाने के रिकार्ड में भी शस्त्रधारकों की संख्या में भिन्नता है। कौन शस्त्रधारक आपराधिक छवि वाले हैं व किस का आचरण सही है। इसकी पहचान करना भी मुश्किल है। सीसीटीएनएस में शस्त्र धारकों का ब्योरा डिजिटलाइजेशन होने के बाद देश के किसी भी हिस्से में बैठकर पुलिस के कोई भी अधिकारी किसी शस्त्र धारक की पूरी जानकारी एक क्लिक पर हासिल कर सकते हैं।''

-बबलू कुमार, पुलिस अधीक्षक।


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