कोरोना संकट में ठप हुई जनरथ सेवा
आजमगढ़ कोरोना संकट से निपटने के लिए परिवहन सेवा लगभग डेढ़ माह तक बंद रहने के बाद एक जून से संचालन शुरू हो गया है। संक्रमण के भय से यात्री यात्रा करने से बच रहे हैं और इसका प्रभाव परिवहन निगम की सेवा पर पड़ रहा है।
जासं, आजमगढ़ : कोरोना संकट से निपटने के लिए परिवहन सेवा लगभग डेढ़ माह तक बंद रहने के बाद एक जून से शुरू हो गई है। गाड़ियां रफ्तार भरती रहीं, लेकिन संक्रमण के भय के बसों की कमाई पर जबरदस्त कुप्रभाव पड़ा। घाटे से आजिज प्रबंधन जहां 50 फीसद साधारण बसों का संचालन बंद किया है, तो जनरथ सेवा पूरी तरह ठप हो गई।
इस परिक्षेत्र से एसी व साधारण लगभग 400 बसों का संचालन होता है। इसमें लगभग 1800 चालक एवं परिचालक नियुक्त हैं। कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए लोग अपने घरों से निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। मजबूरी में जिन्हें निकलना पड़ रहा है, वो निजी वाहन से आवाजाही पसंद कर रहे। इसकी वजह से बसों के संचालन पर अधिक प्रभाव पड़ा है। लोड फैक्टर नहीं बढ़ने से निगम को नुकसान सहना पड़ रहा है। हालात मुश्किल होने पर जनरथ की 10 बसों को खड़ी कर दिया गया है। डॉ. आंबेडकर डिपो के एआरएम ललित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सवारियों के न निकलने 50 फीसद बसें खड़ी हैं। रीजन में निगम को प्रतिदिन 20 लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सवारी न होने से जनरथ की एसी बसों को खड़ा कर दिया गया है। दूसरे जिलों से आने वाली बसें ही गंतव्य को रवाना हो पा रह हैं।