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आइटीआइ फुलेश व मेंहनगर को 884.39 लाख की दरकार

आजमगढ़ जिले में व्यवसायिक शिक्षा को और सु²ढ़न के लिए व्यवासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की ओर से तहसील मार्टीनगंज के फुलेश और मेंहनगर में राजकीय आइटीआइ को मंजूरी दी गई। 2016 की इन दोनों परियोजनाओं के लिए स्वीकृत लागत के सापेक्ष दो किश्तों में अवमुक्त धनराशि खर्च हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 06:22 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:22 PM (IST)
आइटीआइ फुलेश व मेंहनगर को 884.39 लाख की दरकार
आइटीआइ फुलेश व मेंहनगर को 884.39 लाख की दरकार

जासं, आजमगढ़ : जिले में व्यावसायिक शिक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की ओर से तहसील मार्टीनगंज के फुलेश और मेंहनगर में राजकीय आइटीआइ को मंजूरी दी गई। 2016 की इन दोनों परियोजनाओं के लिए स्वीकृत लागत के सापेक्ष दो किस्तों में अवमुक्त धनराशि खर्च हो गई। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के माध्यम से व्यय धनराशि की रिपोर्ट राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य के माध्यम से शासन को भेज दी गई है, लेकिन दोनों परियोजनाओं का शेष कार्य पूर्ण करने के लिए 884.39 लाख रुपये अवमुक्त नहीं किया जा सका। इससे कार्य प्रभावित है। परियोजना-एक

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आइटीआइ फुलेश, मार्टीनगंज के 627.53 लाख रुपये स्वीकृत लागत के सापेक्ष 798.41 लाख रुपये पुनरीक्षित लागत स्वीकृति की गई थी। जुलाई 2016 में स्वीकृत परियोजना का कार्य मार्च 2020 में पूर्ण किया जाना है। वर्ष 2019-20 में मार्च 2019 तक कुल 350 लाख रुपये धन प्राप्त हुआ, जो व्यय हो चुकी है। लगभग 42 फीसद कार्य हो चुका है। परियोजना-दो

आइटीआइ मेंहनगर के स्वीकृत लागत 627.51 लाख रुपये के सापेक्ष 759.98 लाख रुपये पुनरीक्षित आगणन व्यय वित्त समिति से अनुमोदन मिला। इसके सापेक्ष 324 लाख रुपये धनराशि प्राप्त हुई। छह जून 2015 से कार्य शुरू हुआ, जिसे फरवरी 2020 तक पूरा किया जाना है। आवंटित धनराशि व्यय हो चुकी है। 52 फीसद कार्य हो चुका है। धनाभाव में निर्माण अवरुद्ध है। ''दोनों परियोजनाओं के लिए स्वीकृत लागत के सापेक्ष अवमुक्त धनराशि व्यय हो चुकी है। फुलेश में कार्य प्रगति पर है लेकिन धनाभाव में मेंहनगर का कार्य अवरुद्ध है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य के माध्यम से उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को भेज दिया गया है।

-पीएन सिंह, परियोजना प्रबंधक, निर्माण निगम।


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