दहेज हत्या में आरोपित पति को दस वर्ष की सजा
अहरौला क्षेत्र में लगभग चार वर्ष पूर्व दहेज हत्या के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर-2 सौरभ सक्सेना ने शुक्रवार को दोषी पाए गए पति को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
विधि संवाददाता, आजमगढ़ : अहरौला क्षेत्र में लगभग चार वर्ष पूर्व दहेज हत्या के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-2 सौरभ सक्सेना ने शुक्रवार को दोषी पाए गए पति को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन कथन के अनुसार वादी मुकदमा जियालाल विश्वकर्मा पुत्र स्व. राजाराम ग्राम निखामपुर थाना अहरौला निवासी ने अपनी पुत्री नीलम की शादी 27 मई 2015 को इसी क्षेत्र के सहुवला गांव निवासी रामवृक्ष विश्वकर्मा पुत्र हरिराम के साथ हुई थी। बेटी की शादी में वादी ने अपनी क्षमता के अनुसार दहेज भी दिया था। वादी के दामाद दहेज की मांग को लेकर शराब के नशे में उसकी पुत्री को प्रताड़ित करते थे। दामाद उसके घर आकर दहेज में गाड़ी व रुपये की मांग को लेकर उस पर भी दबाव बनाते थे। दहेज की मांग को लेकर ही 18 मार्च 2016 को सुबह लगभग पांच बजे दामाद ने उसकी बेटी की रस्सी से गला घोट कर हत्या कर दी। बेटी की मौत के मामले में उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया। अहरौला पुलिस ने विवेचना पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। अभियोजन अधिकारी श्रीश कुमार चौहान व रामनाथ प्रजापति ने वादी मुकदमा समेत कुल सात गवाहों को कोर्ट में परीक्षित किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त रामवृक्ष विश्वकर्मा को दोषी पाते हुए उसे 10 वर्ष की सश्रम कारावास के साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उक्त मुकदमे की त्वरित गति से निस्तारण किया गया।