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अस्पतालों में होंगे अग्निशमन केंद्र, मिले 11 करोड़

भीड़-भाड़ वाले सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन केंद्र स्

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 06:33 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 06:33 PM (IST)
अस्पतालों में होंगे अग्निशमन केंद्र, मिले 11 करोड़
अस्पतालों में होंगे अग्निशमन केंद्र, मिले 11 करोड़

वेद प्रकाश शर्मा, बलरामपुर (आजमगढ़) : भीड़-भाड़ वाले सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रशिक्षित कर्मचारी आग पर काबू पाने को अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करेंगे। पाइपलाइन का ऐसा जाल बिछाया जाएगा कि पलक झपकते ही आग की लपटें कमजोर पड़ जाएंगी। अग्निशमन विभाग अग्निकांड पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करेगा। सरकार ने योजना को जमीन पर उतारने के लिए करीब 11 करोड़ रुपये बजट का प्रविधान किया है। जिला अस्पताल समेत चार हास्पिटल को मिलेगा लाभ

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-इस सुविधा का लाभ प्रथम चरण में सौ शैय्या वाले अस्पतालों को मिलेगा। इस दायरे में मंडलीय जिला अस्पताल, जिला महिला चिकित्सालय, सौ शैय्या हास्पिटल अतरौलिया, सौ शैय्या हास्पिटल तरवां को मिलेगा। इनमें मंडलीय जिला अस्पताल में 212 बेड, जबकि शेष सौ-सौ बेड के हैं। क्यों चिह्नित किए गए बड़े अस्पताल

-मंडलीय जिला अस्पताल समेत चारों जगह रोजाना हजारों की संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। खास बात यह कि समय के साथ ये अस्पताल घनी आबादी वाले इलाके में पड़ते हैं। यहां आग की सूचना पर फायर ब्रिगेड का तुरंत पहुंच पाना मुश्किल होता है। ऐसे में अग्निशमन की अपनी व्यवस्था होगी तो अग्निकांड से नुकसान को रोका जा सकेगा।

कहां के लिए कितने बजट का प्रविधान

-मंडलीय जिला पुरूष अस्पताल : 212 बेड : 337.37 करोड़

-मंडलीय जिला महिला अस्पताल 100 बेड : 230.74 करोड़

-सौ शैय्या अस्पताल तरवां : 212.90 करोड़

-सौ शैय्या अस्पताल अतरौलिया : 257.24 करोड़। अग्निशमन के लिए अस्पताल में उपलब्ध होंगी ये व्यवस्था:::

-फायर एलार्म और फायर हाईड्रेंट।

-स्प्रिंकल सिस्टम।

-अंडरग्राउंड वाटर स्टोरेज 1000 लीटर।

-पांच हार्स पावर का सबमर्सिबल पंप और बोरिग। 'चार अस्पतालों में अग्निशमन उपकरण के लिए 10.38 करोड़ बजट का प्रावधान हुआ है। शासन ने कार्यदायी संस्था से सर्वेक्षण करवा लिया है। जल्द ही धन अवमुक्त हो जाएगा।'

रामनयन प्रसाद यादव, जेई स्वास्थ्य विभाग। 'चारों अस्पताल बड़े हैं। यहां बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। इनके घनी आबादी में होने के कारण वहां पहुंचने में वक्त लगेगा। इसी के ²ष्टिगत एक सौ शैय्या वाले हास्पिटल के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने का काम मेरा होगा। अस्पतालों में जो व्यवस्थाएं रहती हैं, उसके शुरुआती इस्तेमाल से आग पर काबू पाना आसान होता है।'

-सत्येंद्र पांडेय, सीएफओ।


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