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सुहागिन महिलाओं को कल के चांद का इंतजार

महिलाओं के लिए सुहाग से बड़ा कोई धन नहीं होता। सुहाग की सल

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 07:47 PM (IST)
सुहागिन महिलाओं को कल के चांद का इंतजार
सुहागिन महिलाओं को कल के चांद का इंतजार

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : महिलाओं के लिए सुहाग से बड़ा कोई धन नहीं होता। सुहाग की सलामती के लिए होने वाले व्रत से बड़ा कोई व्रत नहीं होता।महिलाओं को ऐसे पर्वों का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार महिलाओं को रविवार को उदय होने वाले चांद का इंतजार है।

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सुहाग से जुड़ा पर्व करवा चौथ रविवार को है, लेकिन उसे लेकर शुक्रवार से ही महिलाओं में खासा उत्साह दिखा।साड़ी और जेवर से लेकर श्रृंगार सामग्री की दुकानों पर भीड़ रही, तो दूसरी तरफ करवा, कुश और रंग-बिरंगी चलनी की जमकर खरीदारी की गई।

पकवान बनाने के लिए घी, सरसों का तेल, चीनी, मैदा, बेसन आदि की व्यवस्था की गई।

व्रत की तैयारी को लेकर बाजारों में रोज की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही भीड़ रही। व्रत पूजा के लिए सारी खरीदारी के बाद महिलाओं ने मेहंदी रचाई। कुछ ने साज श्रृगांर को ब्यूटी पार्लर का भी सहारा लिया। व्रत से करवा और कुश का क्या संबंध है, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन यही एक व्रत है जिसमें करवा और कुश का प्रयोग किया जाता है। करवा में तरह-तरह के पकवान रखकर भगवान को अर्पित किया जाता है। उसके बाद महिलाएं व्रत से जुड़ी कथा का श्रवण करके पति की दीर्घायु की कामना करती हैं और शाम को चांद को अ‌र्घ्य अर्पित करने के बाद चलनी से पति का दीदार कर उनके हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं।


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