प्राकृतिक स्त्रोतों से बने हर्बल गुलाल से चेहरा होगा लाल
आजमगढ़ होली में बाजारू रसायनयुक्त गुलालों का बेहतर विकल्प स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार कर लिया है। इनके द्वारा प्राकृतिक स्त्रोतों से तैयार किए गए हर्बल गुलाल सुगंधित व आनंददायक भी होगा। जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित अपने कक्ष में विकास खंड लालगंज के मिर्जाआदमपुर के समूह की महिलाओं से मुलाकात की और उनके द्वारा तैयार किए गए हर्बल गुलाल की तारीफ की। साथ ही प्रोत्साहन स्वरूप पांच हजार रुपये भी दिए।
जासं, आजमगढ़ : होली में रसायनयुक्त गुलालों का बेहतर विकल्प स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार कर लिया है। इनके द्वारा प्राकृतिक रंगों से तैयार किए गए हर्बल गुलाल सुगंधित व आनंददायक भी होगा। जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित अपने कक्ष में लालगंज ब्लाक के मिर्जाआदमपुर के समूह की महिलाओं से मुलाकात की और उनके द्वारा तैयार किए गए हर्बल गुलाल की तारीफ की। साथ ही प्रोत्साहन स्वरूप पांच हजार रुपये भी दिए।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ आमजन का आह्वान किया कि वे होली में हर्बल गुलाल व रंगों का प्रयोग करें और सुरक्षित रहें। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि हर्बल गुलाल कार्नफ्लोर पाउडर से बनाया जाता है। इसमें विभिन्न खूबसूरत रंगों का प्रयोग जैसे लाल के लिए शलजम/बीट, हरा रंग के लिए पालक एवं पीला रंग के लिए हल्दी पाउडर का लेप बनाकर उसे छानकर रंग के लिए प्रयोग किया जाता है। उसके बाद फूलों से निर्मित सुगंधित इत्र का बाजार से क्रय कर इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद सभी को निर्धारित मात्रा में मिलाकर एक घोल तैयार किया जाता है, जिसके बाद मिश्रण को धूप में सुखाया जाता है। सुखाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि सूर्य की रोशनी मिश्रण पर सीधा न पड़े अन्यथा धूप का अत्यधिक प्रभाव होने से रंग फीका हो सकता है। मिश्रण को सुखाने के बाद उसका पाउडर बनाकर आकर्षक पैकेटों में भर कर बाजार में बिक्री के लिए भेजा जाता है। इस मौके पर डीसी एनआरएलएम बीके मोहन भी थे।