घर पर बनाएं स्वादिष्ट लड्डू, सर्दी-जुकाम से रहें दूर
आजमगढ़ मौसम परिवर्तन के साथ ही बच्चों नौजवानों एवं बुजुर्गों में सर्दी जुकाम व खांसी तथा बुजुर्गों में जोड़ों का दर्द एवं नसों का बंद होना शुरू हो जाता है। ठंड में ज्यादातर लोगों की परेशानी बढ़ जाती है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मौसम परिवर्तन के साथ ही सर्दी-जुकाम व खांसी के साथ बुजुर्गों में जोड़ों का दर्द एवं नसों का बंद होना शुरू हो जाता है। ठंड में ज्यादातर लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। ठंड के मौसम में घरेलू उपचार करके स्वस्थ रहा जा सकता है। ऐसे में लोगों को घरेलू उपचार बताने के लिए दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में बुधवार को राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. एके राय को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने लोगों के सवालों का जवाब देकर संतुष्ट किया। उन्होंने बताया कि यदि सिर में तेजी से दर्द हो रहा है तो चार से पांच लौंग को पीसकर सिर में लेप लगा लें, तत्काल राहत मिल जाएगी।
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हृदय रोगी करें ठंड से बचाव
ठंड के मौसम में हृदय के रोगियों में नसें ब्लाक होने की संभावना रहती है। ऐसे में ब्लाकेज नसों को खोलने के लिए अर्जुन पेड़ की छाल और पीपल के 15 पत्ते एक लीटर पानी में पकाएं। जब एक गिलास बच जाए तो एक-एक कप सुबह-शाम खाली पेट पीएं। इसके साथ ही कोलेस्ट्राल को कम करने के लिए रात में दो चम्मच मेथी भिगो दें। सुबह उसका पानी पीकर मेथी चबाकर खाएं। कोलेस्ट्राल खत्म हो जाएगा।
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क्या आपके चेहरे में परेशानी है
ठंड के मौसम में चेहरे में झुर्रियां, कालापन, या अन्य प्रकार की समस्या होती है। ऐसे में कुछ घरेलू वस्तुओं का उपयोग कर इन समस्याओं से निजात पायी जा सकती है। मेहंदी पत्ती पाउडर, आमा हल्दी पाउडर, हल्दी पाउडर, मजीत, जायफल, सफेद चंदन, सुगंधा, स्वरिक भस्म, कत्था व कपूर को कूटकर पाउडर बना लें। एक चम्मच पाउडर पानी व कच्चा दूध या गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर लेप करें। तीन घंटे बाद गुनगुने पानी से धुल लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने पर चेहरे में चमक आ जाएगी।
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शुगर व बीपी कंट्रोल का घरेलू उपचार
करैला, खीरा व टमाटर का रस निकालकर सुबह खाली पेट पीएं। इसके साथ ही इंद्र जौ, मंगरैला, बादाम व गुड़मार का चूर्ण बनाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ लें। शुगर कंट्रोल हो जाएगा।
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सर्दी के मौसम में लड्डू
सर्दी के मौसम में घर पर लड्डू बनाकर पूरे ठंड के मौसम में चंगा रहा जा सकता है। इसके लिए एक किलो उड़द की दाल, एक किलो देशी घी, डेढ़ किलो चीनी, 200 ग्राम बादाम, 200 ग्राम बबूल का गोंद, अतरजंघा, 100 ग्राम चोकचीनी मिलाकर लड्डू बना लें। ठंड के मौसम में बराबर सेवन करें तो फिट रहेंगे।
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सवाल एवं जवाब :::
सवाल : बुखार हुआ था, ठीक होने के बाद कमजोरी महसूस हो रही है।
जवाब : 100 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, 20 ग्राम गिलोय, 100 ग्राम सतर वटी चूर्ण को एक साथ मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ लें, आराम मिलेगा।
सवाल : मलेरिया हुआ था अंग्रेजी दवा कर रहे हैं लेकिन फिर भी रह-रहकर बुखार हो जाता है और ठंड लगती है।
जवाब : गिलोय का रस, पपीता पत्ती का रस और काली मिर्च मिलाकर सुबह-शाम पीएं। प्लेटलेट बढ़ने के साथ ही बुखार खत्म हो जाएगा।
सवाल : सीने में जलन हो रही है।
जवाब : धनिया का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लें सीने का जलन खत्म हो जाएगी।
सवाल : एड़ी में सूजन के कारण चलने में दिक्कत है।
जवाब : मदार के पत्ते में घी लगाकर गर्म कर लें और एड़ी में बांधे आराम मिलेगा। इसके साथ ही दशांगलेप में घी मिलाकर पेस्ट बना लें और गर्म करके लेप लगा लें। यदि ज्यादा परेशानी हो रही है तो अस्पताल में आकर संपर्क करें।
सवाल : किडनी में छह एमएम पथरी है।
जवाब : गुड़हल के फूल का पाउडर तीन ग्राम की मात्रा में खाना खाने के बाद पानी से लें। पथरी टूटकर निकल जाएगी।
सवाल : स्किन कैंसर है, कैसे ठीक होगा।
जवाब : पपीता की पत्ती, डंठल का काढ़ा बनाकर लेना शुरू कर दें, कैंसर बढ़ेगा, नहीं रुक जाएगा।
सवाल : ठंडी के मौसम में सर्दी-जुकाम हो जाता है।
जवाब : छोहाड़ा व खजूर को दूध में पकाकर खाएं व दूध पीएं। रात में सोने के पहले दूध में हल्दी डालकर पीएं।
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इन्होंने पूछे सवाल:::
अनीता जीयनपुर, विजय कुमार सोनी सेमरी तहबरपुर, गायत्री गुप्ता दिलवरी, महावीर यादव अंबारी, मनीष कुमार सिंह मीरपुर अतरौलिया, गोविद कुमार यादव फूलपुर, रामजी बरनवाल खरिहानी, रितेश जायसवाल मेंहनगर, संतोष कुमार पुरवा अतरौलिया, जिलेदार यादव देवगांव, राजू वियोगी खत्रीटोला, शोभनाथ यादव देवगांव, विनीत सोनी लसड़ा खुर्द मार्टीनगंज।