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पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को उम्रकैद

जागरण विधि संवाददाता, आजमगढ़ : जिले के बहुचर्चित ब्लाक प्रमुख के चुनाव के दौरान हुए ¨हसा

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 27 Nov 2017 10:26 PM (IST)
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को उम्रकैद
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को उम्रकैद

जागरण विधि संवाददाता, आजमगढ़ : जिले के बहुचर्चित ब्लाक प्रमुख के चुनाव के दौरान हुए ¨हसा और दोहरे हत्याकांड में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विक्रम ¨सह सहित तीन आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक को 60-60 हजार रुपये अर्थदंड की भी देना होगा। यह फैसला सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सैय्यद आफताब हुसैन रिजवी ने सुनाया।

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अतरौलिया ब्लाक प्रमुख के लिए 22 दिसंबर 2010 को मतदान हो रहा था। इस चुनाव में सपा से चंद्रशेखर यादव एवं बसपा से लालजी ¨सह आमने-सामने थे। दिन में लगभग 12 बजे बीडीसी सदस्य श्यामबिहारी यादव मतदान कर ब्लाक से बाहर निकले। तभी लालजी के समर्थकों से उनका विवाद हो गया। इस विवाद में आरोपी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विक्रम ¨सह पुत्र रामदास ¨सह निवासी भगतपुर थाना अतरौलिया, शैलेश उर्फ ¨पकू ¨सह एवं अजय कुमार ¨सह उर्फ पप्पू ¨सह पुत्रगण लालजी ¨सह निवासी गो¨वदपुर थाना अतरौलिया ने गोलियां चला दी। इस गोलीबारी में महेंद्र यादव निवासी जमीन नंदना एवं रामअवध निवासी बसावनपट्टी थाना अतरौलिया की मौत हो गई। इसके अलावा श्यामबिहारी यादव, रामकलेश, राम¨सगार एवं रामसहाय गंभीर रूप से घायल हो गए। महेंद्र के भाई योगेंद्र यादव ने विक्रम ¨सह, शैलेश व अजय के खिलाफ हत्या तथा हत्या के प्रयास की नामजद रिपोर्ट थाना अतरौलिया में दर्ज कराई। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 17 गवाह एवं बचाव पक्ष की तरफ से 11 गवाह प्रस्तुत किए गए थे। लगभग सात वर्ष चले इस मुकदमे में कोर्ट ने बीत 24 नवंबर को तीनों आरोपियों को दोषी पाया। सोमवार को सजा के प्रश्न पर सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष से डीजीसी शिरीष कुमार चौहान ने आरोपियों के कड़ी सजा की मांग की। जबकि बचाव पक्ष से स्वामीनाथ यादव एडवोकेट ने आरोपियों के साथ नरमी बरते जाने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी विक्रम ¨सह, शैलेश ¨सह एवं अजय कुमार ¨सह को 302 आइपीसी में आजीवन कारावास व 40,000 रुपये जुर्माना, 307 में 10 वर्ष व 20,000 रुपये जुर्माना, 504 में एक वर्ष की जेल, 506 में तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।


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