Move to Jagran APP

अयोध्या में राम मंदिर बनाने को संसद में बने कानून

आजमगढ़ : विश्व ¨हदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष व अंतरराष्ट्रीय ¨हदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 12:01 AM (IST)
अयोध्या में राम मंदिर बनाने को संसद में बने कानून
अयोध्या में राम मंदिर बनाने को संसद में बने कानून

आजमगढ़ : विश्व ¨हदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष व अंतरराष्ट्रीय ¨हदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि जीएसटी को लेकर संसद में कानून बन सकता है, तीन तलाक को लेकर कानून बन रहा है तो राम मंदिर को लेकर कानून क्यों नहीं बन सकता है। आठ करोड़ लोगों ने राम मंदिर बनाने के लिए सवा-सवा रुपये दिए हैं। लाखों भक्त अयोध्या आए। सैकड़ों वीरों ने बलिदान दिया है, सिर्फ इसलिए कि अयोध्या में राममंदिर बने। भाजपा ने वादा किया था कि सरकार पूर्ण बहुमत में आएगी तो संसद में प्रस्ताव पारित कर मंदिर बनाएंगे। सरकार को चार साल हो गए पर मंदिर को लेकर चर्चा तक करना मुनासिब नहीं समझा। भाजपा के वादे हवाहवाई साबित हो रहे हैं।

loksabha election banner

शहर के शेखपुरा में श्याम सुंदर के आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि चार वर्ष होने जा रहे हैं। केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकारे हैं। अब मंदिर नहीं बनेगा तो कब बनेगा। सरदार पटेल ने तो देश को स्वतंत्र होने के तुरंत बाद सोमनाथ मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया था। उन्होंने चार साल इंतजार नहीं किया। यहां इतने दिन सरकार बनने के बाद भी कोई गतिविधि दिखाई नहीं दे रही है, इसलिए हमने विजयदशमी तक का समय ससंद में कानून बनाने के लिए सरकार को समय दिया है। विजयदशमी के बाद 21 अक्टूबर को लखनऊ से अयोध्या कूच कर राम मंदिर को लेकर संसद में कानून के वास्ते लोकतांत्रिक अभियान प्रारंभ किया जाएगा। 20 करोड़ लोगों से हस्ताक्षर लेने के लिए अभियान शुरू किया गया है। हस्ताक्षर ¨हदू मांग पत्र पर है। इसमें काशी, मथुरा व अयोध्या में मंदिर की मांग है। इसके साथ ही हस्ताक्षर पत्र में किसानों की कर्ज मुक्ति की मांग है। युवाओं को रोजगार देने की मांग, सस्ती शिक्षा की मांग है। हस्ताक्षर अभियान शुरू हो गया है। राम मंदिर अभियान देश में शुरू होगा। विश्व ¨हदू परिषद के संग 100 करोड़ ¨हदुओं की इच्छा है कि राम मंदिर बने। मंदिर के लिए संत भी मांग को उठा चुके हैं। सरकार को शिक्षा पर बढ़ाने होंगे खर्च

जासं, चक्रपानपुर (आजमगढ़) : अंतरराष्ट्रीय ¨हदू परिषद द्वारा संचालित एलएएस गुरुकुल एकेडमी चक्रपानपुर में आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को लगभग 11.45 बजे विश्व ¨हदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया पहुंचे। उन्होंने कहा कि 18वीं शताब्दी में भारत में उद्योग की शुरुआत हुई। उस समय भारत समृद्ध था। इसके पूर्व भारत का मुख्य व्यवसाय पशुपालन तथा कृषि था। तब भी भारत समृद्ध था परंतु आज किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, किसान के बेटों को शिक्षा नहीं मिल रही है। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि आज से 42 वर्ष पूर्व उन्हें डॉक्टर की पढ़ाई के लिए 300 रुपये वार्षिक फीस देनी पड़ती थी परंतु आज डाक्टर बनने के लिए एक करोड़ वार्षिक फीस देनी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में गरीब का बेटा डॉक्टर बनने को सोच नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा पर दो प्रतिशत खर्च कर रही है। यदि यह खर्च चार फीसद हो जाए तो पूरे देश में मुफ्त शिक्षा मिलने लगेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.