सियासत ने रोक दिया पुलिस चौकी का निर्माण
या राजमार्ग पर स्थित इस गांव में वर्ष 2016 में प्रशासन स्तर से पुलिस चौकी बनाने का निर्णय लिया गया था। जमीन भी चिह्नित कर दी गई उस पर से कब्जा हटवा दिया गया। पुलिस चौकी का बोर्ड लगाने के साथ ईंट गिरवा दी गई अधिकारियों ने मौके पर निरीक्षण भी कर लिया था। यहां तक कि बोर्ड पर पुलिस चौकी खुदादादपुर भी लिख दिया गया लेकिन कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लगा तो नेतागिरी होने लगी। यह देख पुलिस चौकी का निर्माण रोक दिया गया और जमीन पर फिर कब्जा हो गया।
जागरण संवाददाता, संजरपुर (आजमगढ़) : सियासी दंगल में फायदा किसी का हो, स्वार्थ की पूर्ति किसी की हो लेकिन नुकसान तो आम आदमी का ही होता है। कुछ ऐसी स्थिति चार साल पहले जब निजामाबाद थाना क्षेत्र के संवेदनशील गांव खुदादादपुर में पैदा हुई तो पुलिस चौकी के निर्माण की योजना बनी। जमीन को लेकर शुरू सियासत का नतीजा यह रहा कि सारी योजना धरी की धरी रह गई और कुछ दिन पहले ही फिर मामूली विवाद को लेकर हत्या जैसी घटना हो गई।
लखनऊ-बलिया राजमार्ग पर स्थित इस गांव में वर्ष 2016 में प्रशासन स्तर से पुलिस चौकी बनाने का निर्णय लिया गया था। जमीन भी चिह्नित कर दी गई, उस पर से कब्जा हटवा दिया गया। पुलिस चौकी का बोर्ड लगाने के साथ ईंट गिरवा दी गई, अधिकारियों ने मौके पर निरीक्षण भी कर लिया था। यहां तक कि बोर्ड पर पुलिस चौकी खुदादादपुर भी लिख दिया गया लेकिन कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लगा तो नेतागिरी होने लगी। यह देख पुलिस चौकी का निर्माण रोक दिया गया और जमीन पर फिर कब्जा हो गया।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस चौकी का निर्माण हो गया होता तो यहां की छोटी-बड़ी सभी बातें पुलिस के संज्ञान में आ जातीं और समय रहते कार्रवाई होती तो घटनाओं पर विराम लगता। गांव में आम बेचने के लिए चौकी लगाने की बात पर हुई युवक की हत्या के बाद एक बार फिर लोग यह कहने लगे हैं कि सियासत ने प्रशासन की सारी योजना पर पानी फेर दिया।