विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण में उड़ान का पेंच
आजमगढ़ पूर्वाचल में वाराणसी के बाद आजमगढ़ में भी सी श्रेणी के फोरेंसिक लैब (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) की स्थापना की जानी है। जिसके लिए थाना कंधरापुर में भूमि चिह्नित की जा चुकी है। लेकिन अब कुछ दूर पर स्थित मंदुरी एयरपोर्ट से हवाई जहाज के लैंडिग एवं उड़ान में कोई दिक्कत न हो। इसके लिए रनवे से 20 किमी के दायरे में कितनी ऊंचाई पर भवन बनेंगे का मानक निर्धारित कर दिया गया है। अब एरोड्रम सेफ गार्डिंग कारण पुलिस निर्देशालय को अपने हिसाब से भवन बनवाने के लिए एयरपोर्ट अथार्टी से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना होगा।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : पूर्वाचल में वाराणसी के बाद आजमगढ़ में भी सी श्रेणी के फोरेंसिक लैब (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) की स्थापना की जानी है। जिसके लिए थाना कंधरापुर में भूमि चिह्नित की जा चुकी है। लेकिन अब कुछ दूर पर स्थित मंदुरी एयरपोर्ट से हवाई जहाज के लैंडिग एवं उड़ान में कोई दिक्कत न हो। इसके लिए रनवे से 20 किमी के दायरे में कितनी ऊंचाई पर भवन बनेंगे, का मानक निर्धारित कर दिया गया है। अब एरोड्रम सेफ गार्डिंग कारण पुलिस निर्देशालय को अपने हिसाब से भवन बनवाने के लिए एयरपोर्ट अथार्टी से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना होगा।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में शासन से मंजूरी मिलने के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना के लिए पुलिस विभाग की ओर से थाना कंधरापुर में 2.4970 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई। पुलिस निदेशालय की ओर से निर्माण के लिए राजकीय लोक निर्माण विभाग की जिला इकाई को कार्यदायी संस्था नामित किया गया। कार्यदायी संस्था ने 35 करोड़, 66 लाख रुपये की कार्ययोजना (स्टीमेट) बनाया गया। जिसमें जी प्लस वन का भवन बनाया जाना था। लेकिन पुलिस निदेशालय से कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया कि जी प्लस टू का भवन बनाया जाना है। इसलिए नई कार्ययोजना बनाकर भेजें जिससे उसकी स्वीकृति देते हुए धनराशि अवमुक्त की जा सके।
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''फोरेंसिक लैब की स्थापना के लिए पुलिस निदेशालय की ओर से पूर्व में दिए गए निर्देश के अनुसार कार्ययोजना बनाकर भेज दिया गया था। अब जी प्लस टू के भवन का स्टीमेट मांगा गया है। जबकि बमुश्किल 1.50 किमी की दूरी पर मंदुरी एयरपोर्ट है। इसलिए अब भवन निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथार्टी से एनओसी लेने के संबंध में पुलिस निदेशालय को पत्र प्रेषित कर दिया गया है।
--पीएन सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, राजकीय निर्माण निगम।